बिहार विधानसभा चुनाव 25 में भाजपा नीत गठबंधन एनडीए को मिली एकतरफा जीत विपक्षी पार्टी के नेताओं को हजम नहीं हो रहा है. लिहाजा, अब इस चुनाव परिणाम पर राजनीति गरमाने के साथ ही बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भारत में होने वाले चुनावों की तुलना तानाशाह देशों से की है. उन्होंने कहा कि इस तरह के चुनाव तो नॉर्थ कोरिया, चीन, रूस जैसे देशों में होते हैं, जहां एक ही पार्टी को सारे वोट चले जाते हैं.
इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बिहार में 62 लाख वोट काटे और 20 लाख वोट जोड़ दिए, लेकिन ये बताया नहीं जा रहा है कि आयोग ने किसके वोट काटे और किसके वोट जोड़े गए. वहीं, उन्होंने EVM पर भी सवाल उठाया. दिग्विजय सिंह ने कहा कि वोटरों को रसीद क्यों नहीं दी जाती, कैसे पता चलेगा किसे वोट दिया, VVPAT की रसीदों की भी काउंटिंग होनी चाहिए.
अनुमान से बेहतर आया एनडीए का परिणाम
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के 14 नवंबर को आए परिणाम में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने शानदार जीत दर्ज की. इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार पांचवीं बार सत्ता में आने के लिए तैयार हैं, क्योंकि गठबंधन ने राज्य की 243 सीटों में से 202 सीटें जीत ली हैं. वहीं, सत्ता का सपना देख रहा इंडिया गठबंधन 35 सीटों पर सिमट गई. इससे पहले माना जा रहा था कि दोनो ही गठबंधन में नेक टू नेक फाइट है. हालांकि, एग्जिट पोल में एनडीए गठबंधन को जीत की बात कही गई थी, लेकिन किसी भी संस्था ने एनडीए को इतनी सीटें नहीं दी. एक्सिस माई इंडिया ने तो दोनों ही गठबंधन में एनडीए की बढ़त के साथ टफ फाइट की बात कही थी.
जानें किस को मिली कितनी सीटें
- भारतीय जनता पार्टी: 89 सीटें
- जनता दल (यूनाइटेड): 85 सीटें
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास): 19 सीटें
- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर): 5 सीटें
- राष्ट्रीय लोक मोर्चा: 4 सीटें
- राष्ट्रीय जनता दल: 25 सीटें
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस: 6 सीटें
- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन: 5 सीटें
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन): 2 सीटें
- भारतीय समावेशी पार्टी: 1 सीट
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) - सीपीआई(एम): 1 सीट
- बहुजन समाज पार्टी: 1 सीट
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