MP News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़वानी (Barwani) जिले के आदिवासी गांव टांडा में लगभग 400 परिवार रहते हैं. इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का बहुत अभाव है. खासतौर से क्षेत्र में सड़क को लेकर ग्रामीणों से जनप्रतिनिधि से लेकर मंत्री तक चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए. चुनाव एक बार खत्म होने के बाद ग्रामीणों ने खूब गुहार भी लगाई. लेकिन, उन्हें रोड फिर भी नहीं (No Road in Tanda) मिली. अब ग्रामीण इस इंतजार में है कि चुनाव में किया गया वादा कब तक पूरा होगा.
जिला मुख्यालय के पास है गांव
बड़वानी जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर बसे ग्राम टांडा में बंजारा समाज के 150 परिवार और 250 परिवार आदिवासी समाज के रहते हैं. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, दोनों ही आदिवासियों के विकास की बात करते हैं. लेकिन, यहां के लोग पिछले पांच साल से अपने गांव में रोड बनाने की मांग को लेकर लगातार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे है. उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता है.
खुद चंदा करके रोड बनाने का प्रयास
सरकार और प्रशासन की राह देखकर अब ग्रामीणों ने हर घर से चंदा इकट्ठा किया और जेसीबी मंगवाकर खुद से रोड बनाने की कोशिश की है. लेकिन, उन्हें अब भी आस है कि मंत्री से लेकर जनप्रतिनिधियों तक ने जो वादा किया, वो पूरा होगा और उन्हें पक्का और स्थाई सड़क मिलेगी.
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एंबुलेंस नहीं आ सकती-ग्रामीण
रोड की कमी के मामले में ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, लोकसभा सांसद गजेन्द्र पटेल सहित पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेम सिंह पटेल को भी आवेदन दे चुके है. इन सभी ने चुनाव के वक्त वादे किए. लेकिन, अभी तक हमारे गांव में रोड नहीं बना. रोड नहीं होने से हमारे गांव में एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है.
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