MP College Scam: एमपी में वीसी का बड़ा कारनामा! 22 कॉलेजों से बच्चे-टीचर-प्रिंसिपल सब गायब... खेतों के बीच बने मिले कई कॉलेज

MP College Problem: ग्वालियर में अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. यहां टीम ने जांच में पाया कि 137 में से 22 कॉलेजों में बच्चे और टीचर दोनों गायब मिले. कहीं खेतों के बीच में कॉलेज था, तो कहीं एक भी बच्चा या प्रोफेसर मौजूद नहीं था. मामले में अपर मुख्य सचिव ने एक्शन लिया है.

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कॉलेज के भवन में नहीं मिले बच्चे और टीचर

Gwalior News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर जिले से एक बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. मुरैना (Morena) जिले के झुण्डपूरा स्थित शिवशक्ति कॉलेज मामले में आर्थिक अपराध अनुसन्धान ब्यूरो द्वारा दो वाइस चांसलर सहित फर्जी जांच रिपोर्ट देने वाले 18 प्रोफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने और फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन के निर्देश पर प्रदेशभर के निजी कॉलेजों (Gwalior Private Colleges) की जांच शुरू हो चुकी है. इसी के चलते शुक्रवार को आठ टीमों ने ग्वालियर जिले के 137 कॉलेजों में से पहले दिन 37 कॉलेजों की जांच की. जांच में काफी चौकाने वाले तथ्य सामने आये. कहीं पुताई चलती मिली, कहीं प्राचार्य गायब थे, किसी में संचालक ही नहीं बता पाया कि प्राचार्य कौन है, तो ज्यादातर में एक भी स्टूडेंट पढ़ते नहीं मिला... 

कॉलेज से प्रिंसिपल और बच्चे सब गायब

22 कॉलेजों से स्टूडेंट-टीचर गायब

जांच दलों ने पहले दिन ग्वालियर के जिन 37 कॉलेजों का औचक निरिक्षण किया, उनमें से 22 कॉलेज तो टीम को ऐसे मिले, जिनमें स्टूडेंट को पढ़ाने वाला स्टाफ, यानी प्राचार्य व शिक्षक नहीं मिले. यहां छात्र भी अनुपस्थित मिले. इन कॉलेजों के भवन तो थे, लेकिन शैक्षणिक स्टॉफ के न होने व छात्रों के क्लास में न आने का फर्जीवाड़ा उजागर होने से जीवाजी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने इनको मान्यता के लिए दी गई ओके रिपोर्ट ही कटघरे में आ गई हैं. 

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कलेक्टर ने दी जानकारी

जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि उन्होंने जिले में संचालित सभी 137 निजी कॉलेजों की जांच को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में आठ टीमें बनाई है. इन्होंने जांच शुरू कर दी है. इसका मकसद कुछ तथ्यों का भौतिक सत्यापन करना है, जिनके पैमाने भी तय है. यह जांच उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर की जा रही है. उन्हें ही रिपोर्ट भेजेंगे. 

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सामने आए ये चौंकाने वाले तथ्य

सूत्रों की मानें, तो ग्वालियर में जांच दल ने पाया कि कुलेथ गांव में सौ मीटर के दायरे में खेत में 5 बीएड कॉलेज बने हैं. इनमें से एक कॉलेज में तो फर्नीचर भी नहीं था. वहां न शिक्षक मिले न प्राचार्य या न स्टूडेंट. कुरैरी गए दल को एक कैम्पस में तीन कॉलेज संचालित होते मिले. यहां एक भी छात्र या स्टूडेंट नहीं मिला. यहां जो समिति के पदाधिकारी मिले, वे अपने प्राचार्य का नाम भी नहीं बता सके. 

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यही हाल बड़ागांव स्थित एक कॉलेज का था. वहां न स्टूडेंट मिले न शिक्षक और प्राचार्य. जब स्टूडेंट के बारे में पूछा गया, तो विंटर वेकेशन की बात कहकर टाल दिया. रिकॉर्ड में यहां 150 स्टूडेंट दर्ज है. लेकिन, मिला कोई नहीं. कागजों में प्रिंसिपल सहित 16 लोगों का स्टाफ दर्ज है. जांच दल को दो कॉलेजों में ताला लटका हुआ मिला.

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