संडे वाली दीदी: भारत की टॉप 10 गेम-चेंजर महिलाओं में अपनी जगह बनाने वाली डॉ. मधु को इटली की यूनिवर्सिटी देगी उपाधि, रेलवे में करती हैं ड्यूटी

MP Positive Story: भोपाल मंडल में काम करने वाली डॉ. मधु शर्मा समाज के लिए एक बड़ी मिसाल के रूप में सामने आई हैं. वे अपने रोजाना के काम में से समय निकालकर गरीब बच्चों का जीवन सुनहरा बनाने में अपना योगदान देती हैं. आइए आपको इनके बारे में विस्तार से बताते हैं.

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Sunday Wali Didi: भोपाल की डॉ. मधु शर्मा कई गरीब बच्चों के चेहरे पर ला रही हंसी

Bhopal Positive News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में इंजीनियरिंग विभाग में पदस्थ कार्यालय अधीक्षक डॉ. मधु शर्मा (Dr. Madhu Sharma) ने अपनी सामाजिक और शैक्षणिक सेवाओं से पूरे रेलवे परिवार का नाम रोशन किया है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 (International Women Day 2025) के अवसर पर उनको "भारत की टॉप 10 गेम-चेंजर महिलाओं" में जगह भी दी गई. डॉ. मधु एक समर्पित शिक्षाविद् और समाजसेवी हैं, जो पिछले 25 वर्षों से नि:स्वार्थ भाव से गरीब बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं. उनकी उल्लेखनीय सामाजिक सेवाओं को देखते हुए अप्रैल 2025 में इटली की प्रतिष्ठित कोनियो यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित होने वाले विशेष समारोह में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा.

गरीब बच्चों के लिए खुशी का स्रोत बन रही डॉ. मधु शर्मा

हफ्ते की छुट्टियों को समाज कल्याण में लगाया

रेलवे की जिम्मेदारियों के साथ-साथ डॉ. शर्मा सामाजिक उत्थान और शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं. हर सप्ताह पांच दिन रेलवे सेवा में कार्यरत रहने के बाद वे प्रत्येक शनिवार को सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को प्रेरणादायी भाषण और जीवन कौशल की शिक्षा देती हैं. इसके बाद हर रविवार को वे झुग्गी-बस्तियों में जाकर बच्चों के बीच चॉकलेट्स वितरित करती हैं और प्रेरणादायक कहानियां सुनाती हैं. अपनी इन सेवाओं के कारण बच्चे उन्हें स्नेह से "संडे वाली दीदी" कहकर बुलाते हैं.

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बच्चों को रहता है संडे वाली दीदी की चॉकलेट का इंतजार

'ईयर टू हियर' का भोपाल में विस्तार

अपनी तमाम सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ डॉ. मधु शर्मा महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर आधारित सामाजिक पहल "ईयर टू हियर" की भोपाल में क्षेत्रीय प्रमुख (रीजनल लीडर) भी हैं. इस पहल के माध्यम से वे नियमित तौर पर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन नि:शुल्क सत्रों का आयोजन करती हैं, जिनमें महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है.

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बच्चों में मोबाइल की लत खत्म करने के प्रयास

दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा के लिए वे स्वयं अपनी आवाज में पाठ्य-सामग्री रिकॉर्ड करती हैं. साथ ही, मोबाइल और नशे की लत से बच्चों को दूर करने के लिए उन्हें विभिन्न खेलों और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ती हैं. डॉ. शर्मा रेलवे सहित विभिन्न संस्थानों के लिए सफाई एवं जागरूकता पर प्रेरणादायक वीडियो भी तैयार करती हैं और एक सफल एंकर के रूप में भी अपनी पहचान बना चुकी हैं.

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पहले भी मिल चुका है सम्मान

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि समाज के प्रति उनकी इस अद्भुत समर्पण भावना के कारण ही उन्हें मदर टेरेसा अवार्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और मध्य प्रदेश महिला रत्न सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. भोपाल शहर में पिछले 12 वर्षों से और उससे पहले शाजापुर जिले में 13 वर्षों तक डॉ. शर्मा ने अपने सेवाभाव से सैकड़ों गरीब और वंचित बच्चों के जीवन को नई दिशा प्रदान की है. पश्चिम मध्य रेलवे का भोपाल रेल मंडल डॉ. मधु शर्मा के इस असाधारण सम्मान पर गर्व व्यक्त करता है.

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