'साहब! ऐसे तो मेरा सुहाग न उजाड़ो, मेरे पति जिंदा है... मैं सारे कागज ले आई हूं'; इंसाफ के लिए महिला लगा रही दफ्तरों के चक्कर

Bhind News in Hindi: भिंड जिले में एक महिला अपने पति के जिंदा होने का सबूत लेकर दफ्तरों के चक्कर लगा चुकी है. उसकी सुनने वाला कोई नहीं है. आइए आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.

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Bhind News: अपने पति को जिंदा साबित करने के लिए महिला लगा रही ऑफिसों की चक्कर

MP Hindi News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिंड जिले से हैरान करने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक महिला अपने पति को जिंदा साबित करने के लिए पिछले तीन साल से दफ्तरों के चक्कर काट रही है. महिला को अपने जिंदा पति (Husband Alive) को सरकारी कागज में मौत का पता तब चला, जब महिला को लाडली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) की मिलने वाली राशि बचत खाते में कम मिली. हालांकि, अफसर इसे एक टेक्निकल प्रॉब्लम मान रहे हैं.

सीएम से लेकर एसडीएम तक ने नहीं की कार्रवाई

नगर पालिका में सूचना के अधिकार तहत आवेदन कर रामकली ने पति के मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की, लेकिन प्रमाण पत्र नहीं दिया गया. इसको लेकर गोहद एसडीएम पराग जैन से लेकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव तक से महिला ने शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. पीड़िता ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को भी रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजकर दोषियों पर कार्रवाई और न्याय की मांग की है.

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विधवा पेंशन का लाभ क्यों नहीं दिया

महिला रामकली का आरोप है कि जब पति को मृत घोषित कर दिया था, तो उसकी विधवा पेंशन भी उसके बचत खाते में नहीं आ रही है. पीड़िता रामकली ने बताया कि उनके बचत खाते में जून 2023 में लाड़ली बहना की पहली किस्त के रूप में 400 रुपये मिले, दूसरी किस्त में भी 400 रुपये ही मिले. जब गोहद नगर पालिका में जानकारी ली तो कर्मचारियों ने बताया कि आपको विधवा पेंशन मिलने के कारण योजना की पूरी राशि नहीं मिल रही है. यह सुनकर हैरान रामकली ने कर्मचारियों को पति बुद्धराम के जिंदा होने के प्रमाण दिए, लेकिन मामले में कोई भी सुनवाई नहीं हुई.

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आर्थिक रूप से कमजोर है रामकली

भिंड जिला के गोहद के वार्ड-8, नेहर मोहल्ला की रहने वाली 44 साल की रामकली माहौर अपने पति बुद्धराम माहौर के साथ रहती है. रामकली की आर्थिक स्थिति कमजोर चल रही है. पति बुद्धराम मंडी दीप में एक फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं. महिला ने तीन साल पहले लाडली बहना योजना फार्म भरा था, जिसमें उसको 1250 रुपये की जगह बचत खाते में हर महीने 400 रुपये ही मिलते थे. जब पैसे कम मिलने पर महिला नगर पालिका पहुंची, तो वहां महिला को पता चला कि गोहद नगर पालिका ने 10 साल पहले फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर उसके पति को मृत घोषित कर दिया है.

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कलेक्टर ने कही ये बात

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि जीवित व्यक्ति को दस्तावेजों में मृत घोषित करना बेहद गंभीर मामला है. गोहद एसडीएम से इस मामले की जांच कराई जाएगी. अगर मामले में लापरवाही सामने आती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर का यह भी कहना था कि मामले में टेक्निकल प्रॉब्लम भी हो सकती है. उसको दूर कर महिला रामकली को लाडली बहना योजना के तहत मिलने वाली पूरी राशि दिलाई जाएगी.

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