Madhya Pradesh News: कहते हैं जिसके सिर पर राजनीति हाथ रखा हो भला उसका कानून भी क्या बिगाड़ सकता है? यही बात एक अफसर पर भी लागू होती है. पुलिस रिकॉर्ड में जो सीएमओ फरार चल रहे हैं, वे एक नगरपालिका में ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. मामला भिंड जिले की एक नगर पालिका का है.
जिसमे संबल एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना में 3 करोड़ 4 लाख रुपये के गबन के मुख्य आरोपी सीएमओ सुरेंद्र शर्मा खुलेआम नगर पालिका में ड्यूटी कर रहे हैं. पुलिस रिकॉर्ड में फरार होने के बावजूद 7 फरवरी 2025 से वे गोहद नगर पालिका में प्रभारी सीएमओ के तौर पर अटेंडेंस लगाकर विभागीय फाइलों पर साइन कर रहे हैं. इस स्थिति ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल भिंड नगर पालिका में वर्ष 2021 से 2024 के बीच संबल योजना और संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई. मृतकों के खातों में जाने वाली संबल सहायता राशि और कर्मकार मंडल के हितग्राहियों के नाम पर अन्य लोगों के बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कर दी गई. इस मामले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने 30 मई 2024 को इस मामले में अलग से पांच सदस्यीय जांच टीम गठित की.
इन लोगों पर हुई थी FIR
टीम के सदस्य तत्कालीन डीपीसी व्योमेश शर्मा ने जब हितग्राहियों के नाम और बैंक खातों का मिलान किया तो 157 खातों में अंतर पाया गया. इनमें 2-2 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे. इस मामले में सीएमओ सुरेंद्र शर्मा के अलावा सहायक ग्रेड-3 राजेंद्र सिंह चौहान, एआरआई राधेश्याम राजौरिया, सेवानिवृत्त एआरआई शिवनाथ सिंह सेंगर, सेवानिवृत्त एआरआई अशोक जाटव, तत्कालीन सीएमओ वीरेंद्र तिवारी और मृतक राघवेंद्र मिश्रा के खिलाफ सिटी कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. 9 नवंबर 2024 को सीएमओ यशवंत वर्मा द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद से सभी आरोपी पुलिस रिकॉर्ड में फरार चल रहे हैं.
लगातार लगा रहे अटेंडेंस
आश्चर्य की बात यह है कि फरार चल रहे सुरेंद्र शर्मा को नगरीय प्रशासन विभाग ने गोहद नगर पालिका का प्रभारी सीएमओ बना दिया. 7 फरवरी 2025 को प्रभार लेने के बाद से वे नियमित रूप से नपा ऑफिस में ऑनलाइन अटेंडेंस लगा रहे हैं और फाइलों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. सीएमओ सुरेंद्र शर्मा गोहद बीजेपी के पूर्व विधायक अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह कार्य के खास माने जाते हैं. दोनों की तस्वीर एक साथ देखी जा सकती है.
पुलिस अफसर बोले- जांच कर रहे हैं
स्थानीय स्तर पर इसी बात की चर्चा है कि यही वजह है कि सीएमओ अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है. अगर कोई आम इंसान होता तो पुलिस कब का आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज देती. इस मामले की जांच कर रहे सीएसपी व जांच अधिकारी निरंजन राजपूत का कहना है, दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं, जिन बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर हुए उनकी विवेचना चल रही है. निष्कर्ष आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.