Protest: पेयजल संकट से परेशान गांव वालों ने लिया चुनाव बहिष्कार का संकल्प, जानिए क्या है मामला...

Betul Villagers Protest against Elections: अंधेरबावड़ी गांव में सिर्फ एक हैंडपंप है और सारे कुएं भी सूख चुके हैं. यहां के लोगों के पास पीने के लिए पानी नहीं हैं. ऐसे में गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

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लोगों ने किया चुनाव का बहिष्कार

Betul News: लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) की तैयारी में सभी राजनीतिक पार्टियां और नेता लग गए हैं. लोगों की परेशानियों को दूर करने की बात तो सभी करते हैं लेकिन, ये सिर्फ चुनावी वादें (Election Promises) होते हैं और चुनाव के बाद सभी भूल जाते हैं. इसी तरह की परेशानी से बेतूल (Betul) जिले के ग्रामीण भी जूझ रहे हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिले में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं (Basic Facilities) भी ढंग से नहीं मिल रही हैं. इसी वजह से वो चुनाव का बहिष्कार करने को मजबूर है.

पीने के लिए पानी तक नहीं

बेतूल जिले के ग्रामीण लोग पेयजल और सड़क की लंबे समय से मांग कर रहे हैं. लेकिन, उनकी समस्या अब तक हल नहीं की गई है. इसी वजह से लोगों ने सामूहिक रूप से चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. मामला आठनेर ब्लॉक के अंधेरबावड़ी गांव का है. लगभग दो हजार आबादी वाले इस गांव में पेयजल समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने कई बार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से समस्या हल करने की मिन्नते की हैं लेकिन, उनकी परेशानी अब तक दूर नहीं हो पाई है.

पूरे गांव में है एक ही हैंडपंप

अंधेरबावड़ी गांव में लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एक मात्र हैंडपंप है जिससे भूजल स्तर गिरने से कम पानी निकल रहा है. गांव के कुएं भी सुख गए है. हालत ऐसी हो गई है कि ग्रामीणों को नदी-नालों के पानी से अपना गुजारा करना पड़ रहा है. अंधेरबावड़ी गांव को जोड़ने वाली सड़क भी खराब है.

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सिर्फ चुनाव के समय होती है बातें

अपनी ये मूलभूत परेशानियां ग्रामीणों ने सांसद और विधायक को कई बार बता चुके हैं. चुनाव के समय ग्रामीणों को नेता बस आश्वासन देते हैं. लेकिन, उनकी समस्या कोई हल नहीं करता है. परेशान होकर अब ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

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