Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के बैतूल में भाजपा नेता की आत्महत्या के बाद मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने भाजपा विधायक के प्रतिनिधि समेत 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दरअसल, मरने से पहले भाजपा नेता ने अपनी मौत के लिए इन्हीं लोगों के नाम अपने सुसाइड नोट में लिखे थे. जानें- कौन हैं ये लोग? बैतूल जिले के सारणी क्षेत्र के भाजपा मंडल उपाध्यक्ष रविंद्र देशमुख की आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले आरोपियों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
आपको बता दें कि मृतक रविंद्र देशमुख का शव खून से लथपथ उनके घर के बेडरूम में मिला था. शव के पास ही एक पिस्टल भी मिला था. इस घटना की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी सारणी अरविंद कुमरे और चौकी प्रभारी वंशज श्रीवास्तव अपनी पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. वहां मृतक का शव लहूलुहान स्थिति में मिला और पास ही एक पिस्टल पड़ी हुई थी. मृतक के कान के ऊपर से खून बह रहा था.
सुसाइड नोट में आरोपियों के नाम आए सामने
शव की जांच के दौरान मृतक की पैंट की पीछे की जेब से एक सुसाइड नोट मिला था. इसमें मृतक ने विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे, दीपक शिवहरे, प्रमोद गुप्ता, अभिषेक साहू, मो. नसीम रजा, शमीम रजा, नाजिया बानो, करण सूर्यवंशी, भोला सिंह उर्फ रामनारायण सिंह को अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था. सुसाइड नोट में विस्तार से लिखा गया है कि इन्हीं व्यक्तियों ने पैसों के लिए मानसिक प्रताड़ना दी और समाज में छवि खराब करने की धमकी देकर दबाव बनाया. मृतक रविन्द्र देशमुख के परिजन इस पूरे मामले में कहते है कि रंजीत सिंह और अन्य लोग भाई पर दबाव बनाते थे, जबकि रवि ने इन लोगों को एक करोड़ रुपये से ज़्यादा दे चुका था.अब हम यही चाहते है कि आरोपीगण मृतक की पत्नी को पैसा वापस करें और प्रताड़ित करने वालों को सज़ा मिले.
मुख्य आरोपी ने आरोपों को नकारा
सुसाइड नोट में नाम आने और पुलिस की ओर से मामला दर्ज करने को लेकर भाजपा नेता रंजीत सिंह का कहना है कि मृतक से मेरा कोई वास्ता नहीं है. मैंने उससे दो वर्षों से बात तक नहीं की है. पुलिस को अगर शक है तो सीडीआर निकाल कर जांच कर लें. उन्होंने आरोप लगाया है कि दुर्भावनावश किसी राजनीतिक साज़िश के तहत मेरा नाम डाला गया है. रंजीत सिंह आरोपों को खारिज करते हुए कह रहे हैं कि मृतक के कथित 6 पेज के सुसाइड नोट की जांच होनी चाहिए. चाहे रविन्द्र देशमुख का मामला हो या बीसी का जो इतना बड़ा रैकेट चल रहा था. इसके बारे में हमने किसी भी पेपर में खबर नहीं लगाई है., लेकिन दुर्भावनावश किसी राजनीति से प्रेरित होकर हम लोगों का नाम उसमें डाला गया है. उन्होंने कहा कि बीसी के रैकेट की जांच के लिए एसडीओपी सारणी समेत सारणी थाने में शिकायत हैं. साथ ही मृतक के पास से मिले पिस्टल और 6 पेज के सुसाइड नोट की जांच होनी चाहिए कि किसने बैठकर ये लिखा है.
आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
वहीं , इस पूरे मामले में बैतूल एसपी निश्चल झारिया का कहना है कि मृतक के सुसाइड नोट के आधार 10 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पुलिस आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी. बैतूल एसपी निश्चल झारिया ने बताया कि सारणी में रविन्द्र देशमुख नामक युवक ने सुसाइड मामले में प्राथमिक जांच के दौरान जो सुसाइड नोट मिला है. उसमें दस लोगों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है. उस सुसाइड नोट के आधार पर 10 लोगों के खिलाफ प्रकरण कायम किया गया है. मृतक ने अपने सुसाइड नोट में जो कारण बताए हैं, उसमें पैसे के लेनदेन को लेकर मुख्य बातें बताई है और इसी को लेकर प्रताड़ित करने बाबत विस्तार पूर्वक बहुत सारी बाते लिकी गई है. फिलहाल, अभी और विवेचना में ओर भी चीज़े देखने की जरूरत है. मृतक की ओर से छोड़े गए सुसाइड नोट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 444/24 धारा 108, 3(5) बी.एन.एस. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.