Bank of Maharashtra Scam Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) जिले की मुलताई कोर्ट (Multai Court) ने भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व विकेटकीपर नमन ओझा (Naman Ojha) के पिता विनय कुमार ओझा को बैंक घोटाले के मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा, अदालत ने उन्हें 10 लाख रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया है.
2013 में हुआ था बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सवा करोड़ का घोटाला
यह मामला 2013 का है, जब बैतूल जिले के जौलखेड़ा स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में करीब सवा करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगा था. इस मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक विनय कुमार ओझा और अन्य तीन व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था.
आठ साल तक फरार रहे विनय कुमार ओझा
2014 में केस दर्ज होने के बाद से विनय कुमार ओझा फरार चल रहे थे. पुलिस ने लगातार उनकी तलाश जारी रखी और आखिरकार 2022 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उनके साथ, बैंक के अन्य आरोपी अधिकारी अभिषेक रत्नम को भी गिरफ्तार किया गया था.
मामले में शामिल सभी आरोपियों को सजा
मुलताई कोर्ट ने इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों को भी दोषी करार दिया है. बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम को 10 साल की सजा, जबकि धनराज और लखन पवार को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है. सभी के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65 और 66 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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इस फैसले से न्यायालय ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उनका सामाजिक या पारिवारिक रुतबा कितना ही बड़ा क्यों न हो. नमन ओझा के पिता पर आया यह फैसला भ्रष्टाचार और बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता की आवश्यकता को रेखांकित करता है. यह मामला यह भी दर्शाता है कि न्याय में देरी हो सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित है कि दोषियों को सजा जरूर मिलेगी.
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