5000 की रिश्वत के लिए डॉक्टर बनी हैवान! गर्भवती की डिलिवरी कराने से किया इनकार, नवजात की मौत

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ने प्रसूति में ₹5000 रिश्वत की मांग की. पैसे न देने पर डिलीवरी से इनकार कर दिया. इस घोर लापरवाही के चलते नवजात शिशु की मौत हो गई, परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में लापरवाही के कारण मौत हुई है.

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Doctor Demands Bbribe Maternity: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में एक सरकारी डॉक्टर थोड़े से पैसों के लिए हैवान बन गया.  डाक्टर ने एक गर्भवती महिला से डिलीवरी के नाम पर ₹5000 की रिश्वत मांगी. पैसे न देने पर डॉक्टर ने उसकी डिलीवरी करने से इनकार कर दिया. इस लापरवाही के चलते नवजात की मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ की बेरुखी ने उनके मासूम बच्चे की जान ले ली.

मामला बालाघाट जिला चिकित्सालय का है. हट्टा थाना क्षेत्र के ग्राम रटटा निवासी बैजेंद्र डोंगरे अपनी पत्नी किरण डोंगरे को 11 नवंबर की सुबह 11 बजे प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल लेकर पहुंचे थे. परिजनों का आरोप है कि महिला चिकित्सक डॉ. गीता बारमाटे ने डिलीवरी कराने के लिए ₹5000 की मांग की. जब परिवार ने पैसे देने से इनकार किया, तो डॉक्टर ने इलाज में ध्यान नहीं दिया और महिला को कई घंटे यूं ही दर्द में तड़पते रहने दिया.

14 घंटे तक दर्द सहती रही महिला 

परिजनों के अनुसार, महिला को सुबह भर्ती कराया गया, लेकिन 14 घंटे तक किसी ने उसकी सुध नहीं ली. डॉक्टर और नर्सों ने प्रसव कराने से साफ इनकार कर दिया. रात करीब 4 बजे महिला की हालत बिगड़ने लगी, तब परिवार ने बार-बार अस्पताल स्टाफ को बुलाया, लेकिन किसी ने मदद नहीं की. काफी देर बाद जब डॉक्टर आईं, तो उन्होंने बताया कि गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी है.

डॉक्टर पर रिश्वत मांगने और धमकाने का आरोप

मृतक नवजात के पिता बैजेंद्र डोंगरे ने बताया कि जब उन्होंने डॉक्टर से कहा कि अगर जरूरत हो तो सीजेरियन कर दीजिए, तो डॉक्टर नाराज हो गईं और बोलीं कि अगर तुम्हारे पास ज्यादा पैसा है तो यहां क्यों आए हो? नार्मल डिलीवरी हो जाएगी. इसके बाद डॉक्टर ने महिला को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. परिजनों का कहना है कि इलाज में जानबूझकर लापरवाही की गई क्योंकि उन्होंने पैसे देने से मना किया था.

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परिजनों का हंगामा, अस्पताल पहुंची पुलिस 

नवजात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. मौके पर पुलिस और राजस्व अमला पहुंचा और जांच का भरोसा देकर मामला शांत कराया. गुस्साए लोगों ने डॉक्टर और स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की मांग की. उनका कहना है कि अगर समय पर इलाज होता, तो उनका बच्चा जिंदा होता.

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CMHO ने किया निरीक्षण, कार्रवाई की मांग

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. परेश उपलव ने घटना के बाद अस्पताल के प्रसूति वार्ड का निरीक्षण किया. बताया जा रहा है कि पहले भी यहां महिला चिकित्सकों पर पैसे मांगने के आरोप लग चुके हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने से ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं. इस बार नवजात की मौत से लोगों में भारी आक्रोश है और परिजन डॉक्टर गीता बारमाटे पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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