Mauganj Violence Update: मऊगंज जिले के बवाल में शहीद हुए एएसआई (ASI) रामचरण गौतम का 8 महीने बाद रिटायरमेंट था. उनका पूरा परिवार इस बात से बेहद खुश था कि अब वह आने वाले समय में अपने परिवार के साथ रहकर रिटायरमेंट की खुशियां मनाएंगे. मगर, अफसोस रिटायरमेंट से पहले उस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और उन्हें अपने कंधों पर अर्थी उठानी पड़ गई. जिस वक्त तिरंगा झंडा में लिपटा हुआ रामचरण गौतम का पार्थिव शव पहुंचा तो पूरा गांव रो पड़ा. एएसआई की मौत जितनी दर्दनाक थी, उतना ही दर्दनाक पवैया गांव का यह नजारा था.
गांव में मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं और सभी उनके कामों को याद कर शोक मना रहे थे. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, कलेक्टर सतीश कुमार एस, एसपी आशुतोष गुप्ता ने पुष्प चक्र भेट किया और दिवंगत आत्मा को नमन किया. इसके अलावा पूर्व विधायक कल्पना वर्मा, कोठी थाना के प्रभारी प्रशिक्षु आईपीएस मनीष भारद्वाज ने भी शोक श्रद्धांजलि अर्पित की. बताया जा रहा है कि बड़े बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी है.
क्या था मामला
बताया जाता है कि मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गडरा गांव में शनि उर्फ रज्जन द्विवेदी नाम के एक युवक को आदिवासी समाज के लोगों ने बंधक बना लिया था. पुरानी रंजिश को लेकर बंधक बनाए जाने की सूचना पर पुलिस फोर्स गांव पहुंची. इसी फोर्स में एक सदस्य के तौर पर भोपाल के 25वीं बटालियन में पदस्थ एएसआई रामचरण गौतम भी शामिल थे. पुलिस बल के पहुंचते ही ग्रामीणों ने हमला बोल दिया. हथियारों से किए गए हमले में एएसआई रामचरण गौतम गंभीर रूप से घायल हो गए.
इन्हें अस्पताल तक पहुंचाया गया. लेकिन, तब तक उनकी जान जा चुकी थी. परिवार को उनकी शहादत की सूचना दी. पंचनामा और पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द किया. शहीद सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को गृह ग्राम कोठी थाना क्षेत्र के पवैया पहुंचाया गया, जहां शहीद सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
बिलख रहा पूरा परिवार
एएसआई रामचरण गौतम 25वीं बटालियन में तैनात थे, लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने अपना ट्रांसफर गृह ग्राम से नजदीक जिले मऊगंज में कराया था. उनके परिवार में तीन बेटे सुनील गौतम, चंद्रमणि गौतम और दिनेश गौतम हैं. पत्नी पुष्पा गौतम के अलावा दो बेटियां अर्चना और नीता भी हैं. दो बड़े बेटों की शादी हो चुकी है. दो बेटियों का भी विवाह हो चुका है. परिवार में तीन नाती भी हैं. घटना के बाद से पूरा परिवार बिलख रहा है.
भाभी के अंतिम संस्कार में हुए थे शामिल
जानकारी के अनुसार, एएसआई गौतम तीन भाइयों में दूसरे नंबर फर थे. उनके बड़े भाई रामजी गौतम पुलिस विभाग के सब इंस्पेक्टर पद से रिटायर हो चुके हैं, जबकि छोटा भाई नगर सैनिक के तौर पर सतना जिले में सेवाएं दे रहे हैं. लगभग 20 दिन पहले उनकी भाभी का निधन हो गया था, जहां वो उनके अंतिम संस्कार और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने आए थे.
सैनिक दल को पावर दे सरकार
मऊगंज में शहीद हुए एएसआई के पुत्र सुनील गौतम ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आश्रित परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिले और सैनिकों को और अधिक पावर दी जाए. उन्होंने कहा कि इस तरह के हालातों से लाठी के सहारे नहीं निपटा जा सकता. इसके लिए पुलिस कर्मियों को शूट एट साइट का अधिकार होना चाहिए. इसके अलावा बड़े भाई ने इस घटना को पुलिस विभाग की नाकामी बताया.
मिलेगी शहीद की उपाधि: राज्यमंत्री
राज्य मंत्री प्रतिमा बागड़ी ने शाहीद एएसआई के अंतिम दर्शन के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी है. सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है. परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति और उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाएगा. अभी सैनिक परिवार को एक लाख की आर्थिक सहायता दी गई है. कलेक्टर सतीश कुमार ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है. प्रशासन एएसआई के परिवार की हर संभव मदद करेगा. वहीं, एसपी आशुतोष गुप्ता ने कहा कि उन्होंने ने कर्तव्य की बेदी पर सर्वोच्च वलिदान दिया है. हम परिवार के साथ हैं.
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