Ashoknagar News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अशोकनगर की प्रतिभाशाली वुशू खिलाड़ी भूरक्षा दुबे (Bhuraksha Dubey) ने लगातार तीसरी साल राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर न केवल अशोकनगर का नाम रोशन किया, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एमपी का नाम रोशन किया है. दरअसल, देखा जाए तो भूरक्षा दुबे ने खेल जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की है, जिनमें एकलव्य अवार्ड, विक्रम अवार्ड और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है. साथ ही, वर्तमान में यह जलसंसाधन विभाग में कार्यरत हैं. अब भूरक्षा ने एक बार फिर अपने शानदार प्रदर्शन से प्रदेश का मान बढ़ाया है. 38वें राष्ट्रीय खेलों (उत्तराखंड 2025) में उन्होंने कियांग्शु इवेंट (Kiyangshu Event) में दमदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक हासिल किया है.
राष्ट्रीय खेलों में भूरक्षा का स्वर्णिम सफर
भूरक्षा दुबे ने लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय खेलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए तीसरा पदक जीतकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. 36वें राष्ट्रीय खेल (गुजरात 2022) में कांस्य पदक, 37वें राष्ट्रीय खेल (गोवा 2023) में स्वर्ण पदक और अब 38वें राष्ट्रीय खेल (उत्तराखंड 2025) में रजत पदक जीतकर भूरक्षा ने इतिहास रच दिया है.
प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन
उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की भव्य शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम, देहरादून में की. भूरक्षा ने मध्य प्रदेश दल के साथ मार्च पास्ट में भी भाग लिय. वुशू स्पर्धाएं 29 जनवरी से 1 फरवरी तक आयोजित हुईं, जिनमें देशभर के प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे थे. भूरक्षा ने अपनी कियांग्शु स्पर्धा के फाइनल मुकाबलों में उत्तराखंड, मणिपुर, झारखंड, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम की दिग्गज खिलाड़ियों को टक्कर दी.
ये भी पढ़ें :- MP Top News Today: यूनियन बजट को लेकर शुरू हुई राजनीति; एमपी में एलपीजी के दाम हुए कम; उज्जैन से सामने आई 'फर्जी दुल्हन'...
कई मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का किया सामना
कड़े मुकाबले में मणिपुर की खिलाड़ी ने स्वर्ण पदक और हिमाचल प्रदेश की खिलाड़ी ने कांस्य पदक हासिल किया, जबकि भूरक्षा ने पूरे आत्मविश्वास के साथ रजत पदक जीता. भूरक्षा दुबे की यह उपलब्धि सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि संकल्प और समर्पण का परिणाम है. उन्होंने कई मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का सामना करते हुए इस मुकाम को हासिल किया है.
ये भी पढ़ें :- MP News: बुरहानपुर के पवर्तारोही ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पहाड़ पर लहराया तिरंगा, चार दिन में पूरी की चढ़ाई