Archaeological Discovery: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अनूपपुर (Anuppur) ज़िले में एक किसान के खेत में 10वीं शताब्दी की सूर्य देव की प्रतिमा मिली है. देखते ही देखते जमीन से प्रतिमा निकलने की बात तेज़ी से गांव में फ़ैल गई. बस फिर क्या था...आस-पास समेत दूर-दराज इलाकों के लोग किसान के घर आ पहुंचें. इस दौरान किसी ने पुलिस को भी प्रतिमा निकलने की बात की खबर दे दी. सूचना मिलते ही पुरातत्व विभाग के अधिकारी समेत पुलिस मौके पर पहुंचीं. इसके बाद पुलिस अधिकारियों समेत पुरातत्वविदों ने मूर्ति को लेकर सुरक्षित रख लिया. बता दें कि इसके पहले भी मध्य प्रदेश में प्राचीन काल की प्रतिमाएं मिली हैं. ये मूर्ति बलुआ पत्थर की बनी लग रही है. जो कलचुरी कालीन सूर्यदेव की बताई जा रही है. यही नहीं, मूर्ति कला की बेजोड़ कलाकारी है.
जानिए कैसे मिली प्रतिमा?
दरअसल, 11 मार्च की शाम हीरालाल यादव अपने गांव पकरिया में खेत में JCB से खुदाई कर थे... तभी खुदाई के समय एक मूर्ति जमीन में धंसी हुई मिली. मिट्टी हटाते ही एक अद्भुत मूर्ति नज़र आई. जिसे हटाकर बाहर लाया गया. किसान हीरालाल यादव ने इसकी सूचना गांव के सरपंच को दी. फिर जिला पुरातात्विक समिति के सदस्य शशिधर अग्रवाल, पुलिस और तहसीलदार के साथ मौके पर पहुंचें. इसके बात सभी अधिकारियों ने मूर्ति की जांच करते हुए अपनी सुरक्षा में रख लिया. मूर्ति की ऊंचाई लगभग 3 फ़ीट, चौड़ाई डेढ़ फीट और मोटाई करीब 4.5 सेंटीमीटर मोटी है. मूर्ति को देखते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गई थी.
जानकारी के लिए बता दें कि पूरे शहडोल संभाग में कई जगह पुरातात्विक मूर्तियां बिखरी हुई है. दसवीं ग्यारहवीं शताब्दी में यहां पर कलचुरी नरेशों का शासन रहा है. इसलिए यहां उस काल के अवशेष मूर्तियों के मंदिर अभी भी है. मामले को लेकर तहसीलदार कोतमा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिमा को सुरक्षित रूप से थाने में रखवा दिया गया है. और पुरात्तव विभाग को इसकी खबर दे दी गई है. तहसीलदार का कहना है कि ये प्रतिमा सूर्यदेव की बताई जा रही है. जो पुरातत्विक महत्व की है. ऐसे में पुरातत्व विभाग को भी इसकी खबर दी दे दी गई है.