अखिलेश यादव के 'दीपोत्सव' वाले बयान पर गरमाई सियासत; विश्वास सारंग ने पूछा- धर्म परिवर्तन कर लिया क्या? 

अखिलेश यादव के Ayodhya Deepotsav वाले बयान पर सियासत तेज हो गई है. Vishwas Sarang ने सनातन परंपरा पर हमला बताकर धर्म परिवर्तन तक पर सवाल उठा दिए. Akhilesh Yadav statement को लेकर भाजपा और समाजवादी पार्टी आमने-सामने हैं.

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Akhilesh Yadav Statement: अयोध्या में होने वाले भव्य दीपोत्सव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बयान दिया है. उन्होंने दीये और मोमबत्तियां जलाने पर कहा कि इसके लिए इतनी भारी रकम क्यों खर्च की जाती है? उनका कहना था कि दुनिया भर में क्रिसमस के दौरान महीनों तक शानदार रोशनी होती है, हमें भी उसी तरह प्लानिंग करनी चाहिए — लेकिन फिजूलखर्ची से बचकर.

इस बयान का विरोध करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि अखिलेश को अपना नाम बदलकर ‘अंटोनी या अकबर' रख लेना चाहिए. उनके मुताबिक यह बयान वही दे सकता है जो सनातन संस्कृति और हिंदू परंपराओं से दूर हो.

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

दरअसल, अखिलेश यादव ने कहा कि “क्रिसमस के समय पूरी दुनिया के शहर महीनों तक जगमगाते रहते हैं. हमें उनसे सीखना चाहिए. हमें दीयों और मोमबत्तियों पर इतना पैसा क्यों सोचना और खर्च करना पड़ता है?” उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा सरकार से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती और अगर सत्ता बदलती है तो हम इससे भी सुंदर रोशनी करेंगे.

दीप जलाना सिर्फ रस्म नहीं, प्रतीक है

इस बयान का विरोध करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि दीप जलाना सिर्फ बाती में आग लगाने की परंपरा नहीं बल्कि अंधेरे पर उजाले की विजय का संकल्प है. हर पूजा की शुरुआत दीप प्रज्वलन से ही होती है. ऐसे में इस पर सवाल उठाना सीधे तौर पर सनातन परंपरा का विरोध माना जाएगा.

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छोटे कारीगरों का मुद्दा भी उठा

सरकार की तरफ से यह भी तर्क दिया गया कि देशभर में हजारों छोटे कारीगर दीप बनाकर अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं. ऐसे में अगर दीये ही न जलें, तो सबसे बड़ा नुकसान इन्हीं गरीब परिवारों को होगा. मंत्री सारंग ने आरोप लगाया कि अखिलेश का बयान इन्हीं कारीगरों की आजीविका पर चोट है.

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क्या यह धार्मिक विरोध है?

मंत्री सारंग ने यहां तक पूछ लिया कि क्या अखिलेश के परिवार ने धर्म परिवर्तन कर लिया है? क्योंकि सनातन का पालन करने वाला दीपोत्सव का विरोध नहीं कर सकता. उनका कहना था कि कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले परिवार को अयोध्या में जगमगाते दीप देखकर दर्द होना स्वाभाविक है.

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