Tribal Family Of Baitul: नर्मदापुरम जिले के बैतूल नगरपालिका के 23 आदिवासी परिवारों ने राष्ट्रपति के नाम लिखे एक पत्र में इच्छामृत्यु की मांग है. उनका आरोप है कि हरियाली खुशहाली योजना के तहत पहले उन्हें सरकारी जमीन दी गई और अब उन्हें उस जमीन से बेदखल किया जा रहा है, जिससे आहत होकर परिवार अब इच्छा मृत्यु चाहता है.
21 साल पहले 23 आदिवासी परिवारों को जमीन एलॉट करने का दावा
मामला बैतुल नगरपालिका के कढ़ाई गांव का है, जहां हरियाणी खुशहाली योजना के तहत सरकार ने उन्हें सरकारी जमीन दी थी, लेकिन अब उस 20 हेक्टेयर जमीन पर उद्योग विभाग वुड क्लस्टर बना रहा है, जिससे कुल 23 परिवारों को दी गई जमीन को प्रशासन ने उनसे वापस ले ली हैं. यह जमीन 23 आदिवासी परिवारों को 21 साल पहले एलॉट की गई थीं.
विवादित जमीन पर उद्योग विभाग द्वारा बनाया जा रहा है वुड कलस्टर
रिपोर्ट के मुताबिक बैतूल नगरपालिका में स्थित कढ़ाई गाव के 20 हेक्टेयर जमीन पर एक जंग लगा बोर्ड पर लगा है, जिस पर हरियाली खुशहाली योजना गुदा है. फिलहाल, उस जमीन पर एक वुड क्लस्टर बनाया जा रहा है, जिसमे फर्नीचर उद्योग की कई छोटी बड़ी इकाइयां स्थापित की जानी है.
ग्राम पंचायत के एक प्रस्ताव के तहत 23 परिवारों को मिली थी जमीन
पीड़ित आदिवासी विनायक धुर्वे के मुताबिक साल 2003 में ग्राम पंचायत के एक प्रस्ताव के तहत जमीन 23 आदिवासी परिवारों को जीवनयापन के लिए 2-2 हेक्टेयर भूमि दी गई थी, जिस पर उन्होंने हज़ारों फलदार पेड़ पौधे लगाए. उसका कहना है कि अब जब 21 साल पहले रोपे गए पेड़-पौधे उनकी आय के मुख्य स्रोत बन चुके हैं, तो सबकुछ छीन लिया गया.
प्रशासन का कहना है वुडन क्लस्टर से मिलेगा लोगों को रोजगार
जिला प्रशासन द्वारा जमीन छीने जाने से नाराज 23 आदिवासी परिवारों का कहना है कि उनके पास दस्तावेज के नाम पर साल 2003 में ग्राम सभा द्वारा जारी किया गया प्रस्ताव है, लेकिन प्रशासन उनसे जमीन के कागज मांग रहा है. प्रशासन का कहना है कि कुछ संगठन उन्हें बरगला रहे हैं. प्रशासन के मुताबिक वुडन क्लस्टर बनने से लोगों को रोजगार से मिलेगा.
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