Varuthini Ekadashi 2024: इस साल वरूथिनी एकादशी 4 मई दिन शनिवार को मनाई जाएगी, एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. वरूथिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के पांचवें अवतार (Fifth incarnation of Lord Vishnu) बामन की पूजा की जाती है, साथ ही वरूथिनी एकादशी पर व्रत रखने पर माता लक्ष्मी (Laxmi puja) की कृपा बनी रहती है, वरूथिनी एकादशी पर व्रत करके विधि-विधान के साथ पूजा (Varuthini ekadashi puja) करनी चाहिए लेकिन कुछ चीज़ों से परहेज करना चाहिए, आइये पंडित दुर्गेश से जानते हैं, कि वरूथिनी एकादशी पर किन चीजों का प्रयोग वर्जित हैं.....
उड़द दाल वर्जित है
वरुथिनी एकादशी पर उड़द की दाल नहीं खानी चाहिए, यदि कोई उड़द दाल खाता है तो कई बीमारियां हो सकती हैं, दरअसल इसको खाने से रोगों का खतरा हो सकता है इसीलिए इस दिन उड़द की दाल खाना वर्जित है.
चना नहीं खाना चाहिए
वरुथिनी एकादशी के दिन चना खाना भी वर्जित माना जाता है. दरअसल यदि आप चना खाते हैं तो आर्थिक तंगी आपका पीछा करती है, चने खाने से आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती है इसीलिए वरूथिनी एकादशी पर चना खाना वर्जित है.
शहद खाना पूर्णतः वर्जित
वरुथिनी एकादशी पर शहद नहीं खाना चाहिए क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी को स्नान कराया जाता है और शहद खाने को वर्जित माना गया है, वरूथिनी एकादशी पर शहद खाने से माता लक्ष्मी और विष्णु महाराज नाराज हो सकते हैं.
पान चबाना वर्जित है
वरुथिनी एकादशी पर पान के पत्ते नहीं चबाना चाहिए, किसी भी तरह से पान का उपयोग ना करें क्योंकि पान के पत्ते माता लक्ष्मी की पूजा में रखे जाते हैं और इसको माता लक्ष्मी के सामने चढ़ावे के रूप में माना जाता है इसीलिए इस दिन पान नहीं खाना चाहिए.
पालक नहीं खाना चाहिए
इस दिन पालक खाना वर्जित है, पालक खाने से भगवान विष्णु को नहीं मिल पाती है. साथ ही इस दिन पालक खाने से त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता के लिए NDTV किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी या दावा नहीं करता है.