Orchha Places: मॉनसून का मौसम आते ही लोग अलग-अलग जगहों पर घूमने जाते हैं और मौसम का मज़ा उठाते हैं... मॉनसून का मौसम इतना सुहावना होता है कि प्राकृतिक सुंदरता और भी बढ़ जाती है. ऐसे ही एक प्राकृतिक सुंदरता देखना है तो चले आइए, मध्य प्रदेश के ओरछा... अगर आप मॉनसून (Monsoon) का पूरा मज़ा उठाना चाहते हैं, तो मध्य प्रदेश के ओरछा (MP Orchha) की इन जगहों पर ज़रूर जाएं, यहां आपको नेचुरल ब्यूटी (Natural Beauty of Orchha) देखने को मिलेगी. इसके साथ ही बारिश के सुंदर नज़ारे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे. आइए जान लेते हैं ओरछा की ख़ास (Best places to visit in orchha) जगहों के बारे में...
महल, किले, बाग और बहुत कुछ
बुंदेला राजशाही की कहानियां और क़िस्से सुनाता मध्य प्रदेश का ओरछा वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में आता है. ये एक ऐसा टूरिस्ट प्लेस है, जहां आपको वास्तुकला के नायाब नमूने जैसे महल, किले, बाग और जंगल-बारिश सब कुछ देखने को मिलता है. भीड़-भाड़ की शोर से दूर शांति और सुकून की जगह ओरछा हर टूरिस्ट का दिल जीत लेता है.
ओरछा का इतिहास
सोलहवीं शताब्दी में बेतवा नदी के किनारे बसा एक छोटा सा क़स्बा, जो आज भी बुंदेला महाराजा रुद्र प्रताप सिंह के शासनकाल की गौरव गाथा गाता है. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रंगों के बीच यहां की नेचुरल ब्यूटी देखते ही बनती है और यदि आप मॉनसून सीज़न में ओरछा जाएं, तो आपको बहुत मज़ा आएगा. मॉनसून का सीज़न आते ही प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी ओरछा की सुंदरता बढ़ जाती है. एक छोटे से टापू पर बना महल इन दिनों इसकी ख़ूबसूरती को बढ़ा देता है. ओरछा की नेचुरल ब्यूटी देखने के लिए टूरिस्ट दूर-दूर से यहां आते हैं. MP के मिनी आइलैंड ओरछा में आप इन जगहों पर विशेष रूप से घूम सकते हैं..
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शुमार ओरछा का क़िला इतनी ख़ूबसूरत लोकेशन पर है कि जो कोई यहां जाता है बस किले को देखता ही रह जाता है. ओरछा का क़िला बेतवा नदी के आइलैंड पर स्थित है और इसकी हरियाली और नज़ारे सबका दिल जीत लेते हैं.
ओरछा का राजामहल कलात्मक वास्तु कला का उदाहरण है. राजा महल की दीवारों पर कृष्ण का एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाने का दृश्य, राम दरबार में हनुमान, समुद्र मंथन, विष्णु जी का दशावतार रूप और महाभारत के कई ऐसे अद्भुत दृश्य देखने को मिलते हैं, जिसे देखकर हर कोई मोहित हो जाता है.
चतुर्भुज और राजा राम मंदिर, ओरछाचतुर्भुज और राजा राम मंदिर ओरछा के चतुर्भुज और राजा राम मंदिर की कहानी बहुत रोचक है. कहा जाता है कि चतुरभुज मंदिर का निर्माण मधुकर शाह ने अपनी रानी गणेश कुंवारी के लिए तब करवाया था, जब रानी के सपनों में भगवान राम ने उन्हें मंदिर बनाने का निर्देश दिया था, रानी अयोध्या से भगवान राम की मूर्ति ले आयी और महल में रख दिया लेकिन मंदिर में स्थापना की त्रिमूर्ति उठाने की कोशिश नाकाम रही और मंदिर का गर्भगृह ख़ाली रह गया. आज महल में स्थित भगवान राम का यह मंदिर राजा राम के मंदिर से जाना जाता है. पूरे देश में यह एक अकेला ऐसा मंदिर है, जहां राम को राजा के रूप में पूजा जाता है वहीं चतुर्भुज मंदिर की कहानी और किवदंती का हिस्सा बनकर रह गया.
ओरछा का फूल बाग़ओरछा का फूल बाग़ देखने में काफ़ी अट्रैक्टिव है. जिसकी बनावट देखकर हर कोई इसकी सुंदरता का दीवाना हो जाता है, ओरछा के फूल बाग़ में फ़व्वारे हैं. जो महल के चंदन कटोरा से जोड़ती है, ये एक कटोरे जैसी संरचना है, जिससे फ़व्वारों से पानी की बूंदे बारिश की तरह नीचे गिरती है और पूरे भवन को ठंडा रखती है. सावन भादो मीनार से छनकर आने वाली हवा जगह को ठंडा बनाए रखती है. इसकी वास्तुकला और नेचुरल ख़ूबसूरती देखकर आप हैरान हो जाएंगे.
ओरछा की बेतवा नदी का किनारामॉनसून सीज़न में बेतवा नदी के किनारे घूमना आपको रिफ्रेश फ़ील कराएगा, आस पास की हरियाली और किले को देखकर आपका मन ओरछा से वापस आने का करेगा ही नहीं.
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