Post Workout Tips: आज कल फिट रहने के लिए लोगों ने जिम को अपना लिया है. इन दिनों वर्कआउट करने का चलन तेज़ी से बढ़ा चुका है, वेट लॉस करना हो या बॉडी बनाना हो लोग वर्कआउट करना सबसे पहला ऑप्शन चुन रहे हैं. कई बार हम देखते हैं कि वर्कआउट के बाद लोगों को मांसपेशियों में अकड़न और दर्द (muscle stiffness and pain) महसूस होता है. जिसकी वजह से दोबारा वर्कआउट करने की इच्छा भी कम होने लगती है. यदि आप भी जिम जाते हैं और आपके साथ भी ऐसा हो रहा है कि एक दिन वर्कआउट (Workout Tips In Hindi) करने के बाद दूसरे दिन भी दर्द की वजह से वर्कआउट करने का मन नहीं होता है तो यह खबर आपके बेहद काम आने वाली हैं. आइए हम आपको इस थकान को दूर करने के उपायों के बारे में बताते हैं..
इसीलिए होती है वर्कआउट के बाद अकड़न
यदि आपको वर्कआउट के बाद खिंचाव महसूस हो रहा है तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, यह एक नेचुरल प्रक्रिया है जो कुछ लोगों को वर्कआउट के तुरंत बाद महसूस होने लगती है और कुछ लोगों को वर्कआउट करने के 24 या 72 घंटे बाद महसूस होती है, इसे "डिलेड ऑनसेट मसल सोरनेस (DOMS)" कहते हैं. इस अकड़न के कारण को भी जान लीजिए....
किसी पुरानी एक्सरसाइज को लंबे समय के बाद ट्राई करना,
कोई नई एक्सरसाइज को करने से,
खिंच रही मांसपेशी पर एक्स्ट्रा लोड डालना
इन उपायों को अपनाइए
मूवमेंट करना मुश्किल
मांसपेशियों में दर्द ऐंठन और अकड़न इतनी अधिक बढ़ जाती है कि मूवमेंट करना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में सूजन या ताकत में कमी भी महसूस होती है, इसे ठीक करने के लिए कुछ ज़रूरी कदम उठाना बेहद जरूरी है, आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में..
मसाज का लें सहारा
जिस हिस्से में दर्द हो रहा है वहां मसाज करें ताकि प्रभावित हिस्से में ब्लड फ़्लो बढ़ सके, इससे दर्द कम होगा और वर्कआउट के 24 घंटे के अंदर मसाज करने से ज़्यादा फायदा होता है.
स्ट्रेच करें
बिना दबाव डाले, हल्के हाथ से स्ट्रेच करें, जिससे उस भाग में सक्रियता बढ़ जाए और मांसपेशियों पर बिना दबाव डाले, ब्लड फ़्लो बढ़ सके.
बैंडेज का यूज
नायलॉन या स्पैन्डेक्स से बने कंप्रेशन या गारर्मेंट को अकड़न या दर्द वाले हिस्से में टाइट बांधने से मांसपेशियों के समूह पर एक समान दबाव पड़ता है. इस हिस्से में ब्लड फ़्लो बढ़ता है और दर्द से राहत मिल सकती है.
जेल का उपयोग
यदि बहुत अधिक मात्रा में मांसपेशियों में अकड़न और दर्द हो रहा है तो पैनरिलीफ क्रीम और जेल का सहारा भी ले सकते हैं. ये मांसपेशियों में हुए छोटे मोटे टियर को रिपेयर करने में भी सहायक होते हैं.
(Disclaimer: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करें. NDTV इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)