Solar and Lunar Eclipse: भारत में इस बार नहीं लगेगा सूतक काल, ग्रहण के समय न करें ये गलती

हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा और चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगने जा रहा है.

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भारत में इस बार का सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण रात के समय में पड़ेगा. (फाइल फोटो)

Solar and Lunar Eclipse 2023: अक्टूबर का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास होने वाला है. इस महीने में साल का दूसरा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों लगने वाले हैं. सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर, शनिवार सर्व पितृ अमावस्या के दिन लगने जा रहा है. वहीं, ठीक उसके 15 दिन बाद चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगने जा रहा है. आइए जानते हैं साल का दूसरा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण भारत में कब और कैसे दिखेगा?

सूर्य ग्रहण लगने का समय

हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा. भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को रात के 08 बजकर 34 मिनट से शुरु होगा, जो कि आधी रात के बाद  02 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगा.

कहां दिखेगा सूर्यग्रहण?

यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, अर्जेंटीना, पेरू, क्यूबा, कोलांबिया और ब्राजील में देखा जा सकेगा. भारत में यह सूर्य ग्रहण रात में शुरू होगा इसलिए इस भारत में नहीं देखा जाएगा. 

भारत में इस बार नहीं लगेगा सूतक काल

सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल में पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. ऐसी मान्यता है कि सूतक काल के दौरान भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए. लेकिन, किसी स्थान पर सूतक काल तभी माना जाता है, जब उस स्थान पर सूर्य ग्रहण देखा जा सके. भारत में इस बार का सूर्य ग्रहण रात के समय में पड़ेगा. इस वजह से भारत में सूतक काल नहीं लगेगा.

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सूर्य ग्रहण के समय क्या नहीं करना चाहिए?

ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की पूजा पाठ नहीं करना चाहिए और ना ही मंदिरों के पट खोलने चाहिए. इस दौरान सिर्फ भगवान के मंत्रों का जाप करें. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौरान भोजन भी नहीं करना चाहिए. लेकिन, इस बार का सूर्य ग्रहण का समय रात में होने के कारण भारत के लोगों को इस तरह की समस्या नहीं होगी.

चंद्र ग्रहण लगने का क्या है समय?

इस बार भारत में चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगने जा रहा है. चंद्र ग्रहण रात 08 बजकर 44 मिनट से शुरु होगा और देर रात 1 बजकर 02 मिनट पर खत्म होगा. चंद्र ग्रहण का समय कुल 4 घंटे 15 मिनट का बताया जा रहा है. यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा.

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उपच्छाया चंद्र ग्रहण क्या है?

उपच्‍छाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उपछाया पड़ती है. यानी एक धुंधली-सी छाया नजर आती है. ऐसे में चंद्रमा के आकार पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है. चंद्रमा एकदम सामान्‍य सा नजर आता है. सिर्फ उसकी रोशिनी थोड़ी सी कम होती है, इस कारण चंद्रमा का रंग थोड़ा मटमैला सा दिखने लगता है.

वैज्ञानिक और धार्मिक मान्यता में चंद्र ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन न करने की सलाह दी जाती है. इसको लेकर धार्मिक मान्‍यता भी है कि यह एक अशुभ घटना है. अशुभ समय के दौरान भोजन करना सही नहीं माना जाता है. वहीं वैज्ञानिक कारण यह है कि ग्रहण के वक्‍त निकलने वाली हानिकारक किरणों की वजह से वातावरण दूषित हो जाता है और खाने की चीजें भी दूषित हो जाती हैं.

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