Sawan Second Somwar 2025 Shubh Muhurat- Puja Vidhi: सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व होता है. आज 21 जुलाई को सावन महीने का दूसरा सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास होता है. सावन महीने के सोमवार (Sawan Somwar 2025) को इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं. इस दिन शिवालय में सिर्फ हर हर महादेव की गूंज सुनाई देती है. ऐसे में सावन के दूसरे सोमवार को शिवालय या मंदिर में जाने से पहले यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजा सामग्री.
सावन सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना और जलाभिषेक करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त बेहद लाभकारी और फलदायी माना जाता है. हालांकि इसके अलावा भी कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जिसमें आप पूजा कर सकते हैं.
सावन के दूसरे सोमवार शुभ मुहूर्त (Sawan Second Somwar 2025 Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त आज सुबह 4 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 55 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त आज दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.
सावन के दूसरे सोमवार पर इन शुभ मुहूर्त में भी कर सकते हैं शिव पूजा
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:44 बजे से दोपहर 03:39 बजे तक.
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:17 बजे से शाम 07:38 बजे तक.
अमृत काल- शाम 06:09 बजे से 07:38 बजे तक.
बता दें कि सावन के दूसरे सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है.
अमृत सिद्धि योग- रात 09:07 बजे से 22 जुलाई सुबह 05:37 बजे तक.
सावन के दूसरे सोमवार पूजा सामग्री (Sawan Somwar 2025 Puja Samagri)
सावन सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को पूजा करने के लिए गंगाजल, शहद, दही, घी, दूध, सफेद चंदन, हल्दी, गन्ना का रस, पंचामृत, पीला सिंदू, कपड़ा, सफेद फूल, भांग, धतूरा, फल , बेलपत्र, फल, दीप, अक्षत आदि पूजा सामग्री में रख सकते हैं.
सावन के दूसरे सोमवार की पूजन विधि (Sawan Somwar Pujan Vidhi)
सावन महीने के दूसरे सोमवार को सबसे पहले सुबह उठकर सन्ना करें.
उसके बाद साफ और सुथरे वस्त्र धारण करें.
इसके बाद आप शिव मंदिर जाएं या घर के मंदिर में पूजा करें. पूजा घर को अच्छे से सफाई करें.
अब शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद से भगवान शिव और माता पार्वती को स्नान कराएं.
इसके बाद वस्त्र चढ़ाए. चंदन, रोली अर्पित करें.
अब फूल, धतूरा, बेलपत्र, अक्षत जैसी पवित्र वस्तुएं अर्पित करें.
बेलपत्र पर चंदन से ऊं नम: शिवाय या जय श्री राम लिखें और भगवान शिव पर चढ़ाएं.
भगवान शिव और माता पार्वती को फल, प्रसाद का भोग लगाए.
ऊं नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप जाप करें.
अब आरती करें और भगवान शिव और मां पार्वती को प्रणाम करें और आशीर्वाद लें.
भूल चूक के लिए क्षमा मांगे.