Pran Pratishtha: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है और पूरे देश में अभी भी उत्सव मनाया जा रहा है हम अक्सर देखते हैं कि पूजा अर्चना के बाद लोग मंदिर में है भगवान के सामने साष्टांग प्रणाम करते हैं, कल राम लला की पूजा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भगवाल श्रीराम (Lord Ram) के सामने साष्टांग प्रणाम किया था. साष्टांग प्रणाम (Sashtang Pranam) करने के अपने कई फ़ायदे हैं आइए जानते हैं यहां...
साष्टांग प्रणाम का मतलब
साष्टांग प्रणाम का मतलब है वो प्रणाम जिसमें पूरा शरीर शामिल हो सके, साष्टांग यानी स+अष्ट+अंग प्रणाम, ऐसा प्रणाम जिसमें आठ अंगों द्वारा प्रणाम किया जाता है. इन अंगों में सिर, हाथ, पैर, ह्रदय, आँख, घुटने वचन और मन इन आठों से युक्त होकर और जमीन पर स्ट्रेट यानी सीधा लेटकर प्रणाम किया जाता है. साष्टांग दण्डवत प्रणाम का मतलब होता है कि ईश्वर के सामने अपने अहंकार त्यागकर खुद को भगवान को सौंप देना.
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है
साष्टांग प्रणाम करने के कई फायदे भी होते हैं. साष्टांग मुद्रा सूर्य नमस्कार आसन की अष्टांग मुद्रा है. जिसमें पूरे शरीर को एकजुट करके प्रणाम किया जाता है.जिसमें पूरी बॉडी को इस्तेमाल करके शरीर को एक सीध में खींचना होता है. इसे करते समय ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है और पूरे शरीर में खून का संचार बढ़ता है इससे बुद्धि तेज होती है और दिमाग भी तेज गति से चलता है.
मांसपेशियों को होते हैं फायदे
साष्टांग प्रणाम करने से जोड़ो के दर्द को कम करता है और हड्डियों को मजबूती देता है, इसके अलावा रेगुलर साष्टांग प्रणाम करने से शरीर की नसों को भी कई फायदे देता है.
यह भी पढ़ें: Ram Bhajan List: ये हैं भगवान राम के ट्रेंडिंग भजन, इनको सुनकर मन हो जाता है प्रसन्न