Inflation: प्याज-टमाटर-आलू ने आम आदमी को रुलाया, सब्जियों के बढ़ते दामों के चलते घर की थाली हुई महंगी

Vegetables Became Expensive: शुक्रवार को जारी क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार बीते साल की तुलना में सब्जियों के दाम बढ़ने से उसका असर घर की थाली पर पड़ा है. घर की थाली पिछले साल की तुलना में महंगी हो गई है.

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Prices of Vegetables Are High: तेजी से बढ़ते सब्जियों के दामों के चलते घर की रसोई में बन रही शाकाहारी थाली की कीमत नवंबर 2023 से बढ़ रही है. इसमें जून में घर में पकाए जाने वाली शाकाहारी थाली (Price of Veg Thali) की कीमत में 10 फीसदी (साल-दर-साल) की वृद्धि हुई है. वहीं मांसाहारी थाली की कीमत (Price of Non-Veg Thali) में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि शाकाहारी थाली की बढ़ती कीमतों के पीछे टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में क्रमश: 30 प्रतिशत, 46 प्रतिशत और 59 प्रतिशत की वृद्धि जिम्मेदार है.

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के डायरेक्टर- रिसर्च पुशन शर्मा ने कहा, ''टमाटर, प्याज और आलू की बढ़ती कीमतों के कारण ऐसा हो रहा है. साथ ही मौसम की मार के चलते आपूर्ति प्रभावित हुई है." पिछले वित्त वर्ष के उच्च आधार के कारण थाली की कीमतें आगे चलकर इस वर्ष कम रहने की उम्मीद है. शर्मा ने कहा, ''हालांकि अभी टमाटर की कीमतें बढ़ेंगी, लेकिन अगस्त के अंत में दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों से ताजा आपूर्ति आने पर इनमें सुधार आएगा.''

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प्याज और टमाटर के चलते शाकाहारी थाली महंगी

क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, सब्जियों के बढ़ते दामों के पीछे रबी की फसल में कमी के कारण प्याज की आवक कम होना बताया गया है. इसके अलावा मार्च में बेमौसम बारिश के कारण आलू की फसल की पैदावार में कमी आई है. साथ ही कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में उच्च तापमान के चलते गर्मियों में टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है. टमाटर की फसल में वायरस संक्रमण की शिकायतें भी आई हैं, जिसके चलते टमाटर की आवक में पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत की कमी आई है.

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बॉयलर की कीमतों में गिरावट

वहीं मांसाहारी थाली के दामों में गिरावट को लेकर रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले वित्त वर्ष के उच्च आधार पर बॉयलर की कीमतों में 14 प्रतिशत की अनुमानित गिरावट आई है. जिसके चलते मांसाहारी थाली के दाम में कमी आई है. साथ ही इसमें अधिक आपूर्ति की स्थिति और पिछले साल की तुलना में कम फीड लागत भी शामिल है. हालांकि, शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थालियों की लागत में महीने-दर-महीने क्रमशः 6 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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