Navratri 2025: इस बार 9 नहीं बल्कि 10 दिनों की है नवरात्रि, जानिए सही तारीख, किस दिन होगी कौन सी देवी की पूजा?

Shardiya Navratri 2025: इस साल नवरात्रि 9 दिनों की नहीं, बल्कि 10 दिनों की है. ऐसे में आप कन्फ्यूज होंगे कि किस दिन कौन सी देवी या किस स्वरूप की पूजा करें? ऐसे में यहां हम आपको बताएंगे कि किस दिन कौन सी देवी का करें पूजन.

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Navratri 2025: आश्विन मास शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि पर सोमवार से मां भगवती का स्तुति पर्व शारदीय नवरात्र आरंभ हो गई. इस बार मां भगवती हाथी पर सवार होकर धरती पर आई हैं, जो अत्यंत शुभ है. इससे देश में सुख और समृद्धि आएगी. कृषि के क्षेत्र में उन्नति होगी. मइया का प्रस्थान नौका पर होगा. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का अलग-अलग दिन पूजन होगा. हालांकि इस बार नवरात्र 9 दिनों का नहीं, बल्कि 10 दिनों का है. ऐसे में जानते हैं कि किस दिन माता के किस स्वरूप की पूजा होगी. 

10 दिन का है शारदीय नवरात्र

  • नवरात्र का आरंभ प्रतिपदा तिथि सोमवार 22 सितंबर दिन से हो रहा है. इस दिन कलशा स्थापना की गई.
  • द्वितीया तिथि- 23 सितंबर 2025 को होगी.
  • तृतीया तिथि- 24 सितंबर 2025 को होगी.
  • चतुर्थी तिथि- 26 सितंबर को होगी. दरअसल, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारम्भ– 25 सितंबर की सुबह 07:06 बजे से हो रही है. वहीं शुक्ल चतुर्थी तिथि की समाप्ति–  सितंबर 26 2025 की सुबह 09:33 बजे होगी. ऐसे में उदयाकालिन के कारण चतुर्थी तिथि का पाठ 26 सितंबर को किया जाएगा. 
  • पंचमी तिथि- 27 सितंबर को सुबह 8.46 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि में पंचमी 27 सितंबर को मनाई जाएगी.
  • षष्ठी तिथि- 28 सितंबर 2025 
  • सप्तमी तिथि- 29 सितंबर 2025 
  • अष्ठमी तिथि 30 सितंबर 2025 
  • नवमी तिथि- 1 अक्तूबर 2025
  • दशमी तिथि- 2 अक्टूबर 2025

आश्विन माह के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि 29 सितंबर की शाम 4:31 बजे से लगेगी. इसलिए महाष्टमी 30 सितंबर को होगी. एक अक्टूबर को महानवमी का व्रत होगा. केवल प्रतिपदा और अष्टमी का व्रत करने वाले व्रती एक अक्टूबर को व्रत का पारण करेंगे, जबकि पूरे नौ दिनों का अनुष्ठान करने वाले विजयादशमी के दिन यानी दो अक्टूबर को व्रत का पारण करेंगे. उसी दिन कन्या पूजन, अपराजिता, शमी पूजन और हवन के साथ अनुष्ठानों की पूर्णाहुति होगी.

9 दिन माता के किस रूप की होती पूजा 

1. पहला दिन (मां शैलपुत्री)- शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. 

2. दूसरा दिन (मां ब्रह्मचारिणी)- शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है.

3. तीसरा दिन (मां चंद्रघंटा)- शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. 

4. चौथा दिन (मां कुष्मांडा)- शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है. 

5. पांचवा दिन (मां स्कंदमाता)- शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. 

6. छठवां दिन (मां कात्यायनी)- शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है. 

7. सातवां दिन (मां कालरात्रि)- नवरात्रि के सातंवे दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है.

8. आठवां दिन (महागौरी)- शारदीय नवरात्रि 8वें दिन महागौरी की पूजा की जाती है. 

9. नौवां दिन (माता सिद्धिदात्री)- शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है.

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