चाहते हैं कि आपके बच्चों में दिखें लीडर वाले गुण, तो बचपन से ही सिखाएं ये Leadership क्वालिटीज़

parenting advice: जायज सी बात है सभी माता-पिता (Parents) चाहते हैं कि उनके बच्चे में नेता वाले, लीडर वाले गुण हों जिससे वह दुनिया में अपनी अलग पहचान और स्थान बना सके. यहां जानिए किस तरह आप अपने बच्चे में छोटी उम्र से ही लीडरशिप के गुण डाल सकते हैं. 

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चाहते हैं कि आपके बच्चों में दिखें लीडर वाले गुण, तो बचपन से ही सिखाएं ये Leadership क्वालिटीज़

Parenting Advice: बच्चा जीवन में कितना आगे बढ़ता है और कितना नहीं ये कई हद तक उसकी परवरिश पर निर्भर करता है. बहुत से बच्चों को बचपन से ही आत्मविश्वास से भरपूर देखा जाता है, तो वहीं बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं, जो भीड़ का हिस्सा बनना पसंद करते हैं.

बचपन का यही आत्मविश्वास और झिझक आगे तक जीवन में साथ रहता है और देखा जाता है कि आत्मविश्वासी बच्चा (Confident Child) बड़ा होकर स्टेज के मध्य होता है, तो वहीं झिझकने वाला बच्चा जीवनभर आत्मविश्वास की कमी से जूझता है. जाहिर सी बात है सभी माता-पिता (Parents) चाहते हैं कि उनके बच्चों में नेता वाले, लीडर वाले गुण हों, जिससे वह दुनिया में अपनी अलग पहचान और स्थान बना सके. यहां जानिए किस तरह आप अपने बच्चे में छोटी उम्र से ही लीडरशिप के गुण डाल सकते हैं. 

बच्चे में कैसे डालें लीडरशिप के गुण :

हार से ना डराएं 
बच्चा कभी स्टेज पर कुछ परफॉर्म करने जा रहा है या किसी प्रतियोगिता में भाग ले रहा है, तो उसे हार का डर न दिखाएं. उसे यह ना कहें कि वह अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा, तो उसकी बेइज्जती होगी या फिर उसे कोई उलाहना दी जाएगी. बच्चे को इतना समझाएं कि उसे अपना बेस्ट देने की कोशिश करनी है और कुछ नहीं सोचना है. 

खेलकूद का हिस्सा बनाना 
जो बच्चे किसी स्पोर्ट को सीखते हैं या स्पोर्ट्स (Sports) का हिस्सा बनते हैं, उनमें लीडरशिप क्वालिटी आने लगती है. ये बच्चे नेतृत्व के साथ-साथ टीमवर्क भी सीखते हैं. 

बच्चों से करवाएं वॉलेंटरिंग   

ऐसे बहुत से काम हैं, जिनमें बच्चे वालंटियर बन सकते हैं. वालंटियर बनकर बच्चों को छोटे-छोटे काम करने आएंगे, बच्चे प्रॉब्लम सॉल्व करना सीखेंगें, बच्चों में सौहार्द की भावना आएगी और बच्चे मदद करना भी सीखेंगे. ये कुछ ऐसे गुण हैं जो एक अच्छे लीडर (Leader) में होते हैं.   

कम्यूनिकेशन स्किल्स पर करें काम  

बच्चे की कम्युनिकेशन स्किल्स पर काम करें. बच्चे को खुलकर बात करना सिखाएं, अलग-अलग तरह से उससे वाद-विवाद करने की कोशिश करें, उसे क्या पसंद है, क्या नहीं. इसपर उसे बात करने के लिए कहें और उसे बताएं कि किस तरह आत्मविश्वास के साथ बाकी सब से भी अपनी बात कह सकता है.  

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