Dhanteras 2024 Date: दिए, पटाखे और मिठाइयों से गुलजार पूरे साल में एक ही ऐसा दिन आता है, जिसका सभी को इंतजार रहता है. हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत महत्व माना जाता है. भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की इस दिन पूजा करने से पूरे साल उनकी कृपा बनी रहती है और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. पूरे साल हिंदू धर्म के लोगों को दीपावली (Deepawali 2024) का बेसब्री से इंतजार रहता है. दीपावली के बाद से प्रकृति भी अपना रंग बदल लेती है और हल्की ठंड शुरू हो जाती है.
हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार, हर साल, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है. लेकिन इस साल, इस तिथि को लेकर कई लोगों के मन में दुविधा है... तो चलिए, आपकी इस सुविधा को दूर करते हैं और आपको धनतेरस से लेकर दिवाली तक की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और लक्ष्मी गणेश की पूजा का सही तरीका बताते हैं.
दिवाली 2024 की तिथि | Diwali 2024 Date
हिन्दु पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर, यानी गुरूवार को, कारतीक कृष्ण पक्ष की अमावस्था तिथि दोपहर 2 बजकर 40 मिनट से लग रही है. इसका समापन 01 नवंबर को शाम 5 बजकर 13 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, क्योंकि 31 को सूर्यास्त के पहले ही अमावस्या तिथि शुरू हो रही है, इसलिए दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी. दीपावली के त्योहार पर रात्रि में अमावस्या तिथि होनी चाहिए, जो 1 नवंबर 2024 को शाम के समय में नहीं है.
धनतेरस 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त | Dhanteras 2024 Date and Muhurat
हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी. धनतेरस का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस के दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक भगवान धन्वंतरि के साथ माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा अर्चना की जाती है. इस त्योहार के अगले दिन छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है. इस साल त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर, सुबह 10 बजकर 31 मिनट से हो रहा है और समापन 30 अक्टूबर, दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, धनतेरस मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा.
दिवाली 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त | Lakshmi Ganesh Puja 2024 Shubh Muhurat
दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस बार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024 को शाम 5 बजे से लेकर रात के 10 बजकर 30 मिनट तक है. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग में खीर, बूंदी के लड्डू, सिंघाड़ा, अनार, नारियल, पान का पत्ता, हलवा, मखाने, सफेद रंग की मिठाई, आदि भोग लगाया जाता है.
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ऐसे करें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा | Lakshmi Ganesh Puja Vidhi
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, श्रीगणेश की पूजा सभी देवताओं में सर्वप्रथम की जाती है. जहां श्रीगणेश की पूजा होती है, वहां उनके साथ उनकी पत्नी रिद्धि और सिद्धि अपने पुत्रों शुभ और लाभ के साथ मौजूद रहती हैं. इससे पूजनकर्ता के सभी विघ्न टल जाते है. रिद्धि और सिद्धि ब्रह्माजी की पुत्रियां हैं. माता हमेशा अपने पुत्र के दाएं हाथ पर विराजती है. इसलिए गणेशजी की मूर्ति की स्थान माता की मूर्ति के बायीं ओर की जानी चाहिए. दोनों की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करें. पूजा करते समय भोग आदि लगाकर संकल्प लें. इसके बाद 11 या 21 दिए जलाकर उन्हें लक्ष्मी-गणेश को दिखाएं और अपने घर के हर कोने पर रख दें. ध्यान रखें की हर साल धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई मिट्टी की मुर्ति लाए और पुराने को विसर्जित कर दें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)