Dhataki Plant Benefits: आयुर्वेद का खजाना है धातकी का पौधा, ल्यूकोरिया से लेकर पशुओं में दूध बढ़ाने तक... जानें इसके अनगिनत फायदे

Dhataki Plant Benefits: धातकी के पौधे का सबसे अधिक उपयोग दस्त और पेचिश जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी किया जाता है. इसके फूलों का चूर्ण शहद या छाछ के साथ लेने से तुरंत आराम मिलता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Dhataki Plant Benefits: धातकी को 'धवई' और 'बहुपुष्पिका' भी कहते हैं. यह पौधा भारत के लगभग हर राज्य में पाया जाता है. हालांकि यह बहुत अधिक पानी वाले क्षेत्रों, जैसे पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कम ही मिलता है. धातकी के फूलों, फल, जड़ और छाल का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है.

ल्यूकोरिया और अनियमित मासिक धर्म में रामबाण है धातकी का पौधा

धातकी का वैज्ञानिक नाम 'वुडफोर्डिया फ्रुटिकोसा' है. यह 3-6 मीटर की ऊंचाई वाला एक झाड़ीदार पौधा है. इसकी शाखाओं और पत्तियों पर विशेष प्रकार के काले-काले बिंदुओं का जमघट होता है. इसके फूल चमकीले लाल रंग के होते हैं. फल पतले, अंडकार होते हैं. फल भूरे रंग के छोटे, चिकने बीजों से भरे होते हैं. अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ने इसके बारे में जानकारी दी है. वहां के वैज्ञानिकों ने इसकी पत्तियों पर अध्ययन किया है, जिसमें पाया गया है कि इनमें ऐसे रासायनिक तत्व मौजूद हैं, जो ल्यूकोरिया, अनियमित मासिक धर्म, पेशाब में जलन और मूत्र में खून आने जैसी बीमारियों में फायदेमंद साबित हो सकते हैं.

Advertisement

इन बीमारियों में फायदेमंद है धातकी का पौधा

रिसर्च में बताया गया है कि इसकी पत्तियों का उपयोग बुखार, खांसी में खून, गठिया, अल्सर और पशुओं में दूध बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. चरक संहिता के अनुसार, धातकी को मूत्र विरंजनीय (मूत्रवर्धक) माना गया है. इसके अतिरिक्त, इसे आसव और अरिष्ट (आयुर्वेदिक औषधियां) बनाने में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह किण्वन प्रक्रिया में मदद करता है. इसी के साथ ही इसका सबसे अधिक उपयोग दस्त और पेचिश जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी किया जाता है. इसके फूलों का चूर्ण शहद या छाछ के साथ लेने से तुरंत आराम मिलता है.

Advertisement

यह बार-बार शौच जाने की आदत को भी नियंत्रित करता है. सुश्रुत संहिता में इसे घाव और रक्तस्राव को रोकने के लिए उपयोगी बताया गया है. किसी भी घाव या चोट को ठीक करने और सूजन को कम करने के लिए इसके फूलों का चूर्ण लगाने से घाव जल्दी भर जाता है. इसके लेप से चोट और घाव में राहत मिलती है.

Advertisement

ये भी पढ़े: Parjanya Ritual: बारिश के लिए महाकालेश्वर मंदिर में पर्जन्य अनुष्ठान, CM ने महाकाल से की आनंद बरसाने की कामना 

Topics mentioned in this article