Adhomukh Swasan: मांसपेशियां मजबूत, मन शांत और तनाव करना चाहते हैं दूर, तो आज से ही शुरू कर दें अधोमुख श्वानासन

Adhomukh Swasan Kya Hai: अधोमुख श्वानासन पूरे शरीर को एक साथ सक्रिय करता है और अभ्यास से गजब का लाभ देता है. इसे करने की विधि भी बेहद सरल है, जमीन पर घुटनों और हथेलियों के बल बैठकर दोनों हाथ कंधों के बराबर और घुटने कूल्हों के बराबर रखकर इसके चरण को धीरे-धीरे आराम से करें. इस मुद्रा में 20 से 30 सेकंड तक रहना चाहिए.

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Adhomukh Swansan: अनियमित और भागदौड़ भरी दिनचर्या कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दावत देने जैसी है. हालांकि, योगासन और सही खानपान से तन के साथ मन को भी बेहतर बनाया जा सकता है. 

ऐसे कई आसन हैं, जिनके अभ्यास से न केवल शारीरिक समस्याओं को खत्म किया जा सकता है बल्कि आने वाली समस्याओं को भी रोका जा सकता है. यह मानसिक रूप से भी मजबूत बनाने में बेहद कारगर हो सकता है. भारत सरकार का आयुष मंत्रालय ऐसे ही एक आसन को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है, वह है अधोमुख श्वानासन मुद्रा.

हर उम्र के लोगों के लिए है फायदेमंद

अधोमुख श्वानासन को डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज भी कहते हैं, जो आसान और प्रभावी योगासनों में से एक है. इसे हिंदी में अधोमुख श्वान मुद्रा भी कहते हैं. यह आसन हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है. अधोमुख श्वानासन पूरे शरीर को एक साथ सक्रिय करता है और अभ्यास से गजब का लाभ देता है. इसे करने की विधि भी बेहद सरल है, जमीन पर घुटनों और हथेलियों के बल बैठकर दोनों हाथ कंधों के बराबर और घुटने कूल्हों के बराबर रखकर इसके चरण को धीरे-धीरे आराम से करें. इस मुद्रा में 20 से 30 सेकंड तक रहना चाहिए.

कंधों, बाहों, पीठ, पेट और पैरों की  मांसपेशियों को बनाता है मजबूत 

अधोमुख श्वनासन के रोजाना अभ्यास से मांसपेशियां होती हैं, यह आसन कंधों, बाहों, पीठ, पेट और पैरों की सभी मांसपेशियों को एक साथ मजबूत बनाता है. इस आसन के दौरान उल्टे ‘वी' आकार के कारण सिर की ओर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे दिमाग को ऑक्सीजन मिलती है और सिर दर्द, थकान जैसी समस्याएं दूर होती हैं. मन शांत और एकाग्र होता है, तनाव, चिंता और अनिद्रा में यह आसन रामबाण की तरह काम करता है.

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ऑफिस में घंटों लगातार बैठने वालों के लिए भी यह आसन फायदेमंद है. इससे रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है, लंबे समय तक बैठने की वजह से जकड़ी हुई कमर और पीठ को यह खोल देता है और पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है. पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से कब्ज और गैस की समस्या में राहत मिलती है.

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