मध्यप्रदेश की न्यायिक राजधानी है जबलपुर,ऑर्डिनेंस फैक्ट्री भी है राज्य की शान

यह प्रदेश की दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला जिला है. विश्व प्रसिद्ध स्नूकर खेल की शुरुआत भी इसी शहर से हुई थी. यह शहर नर्मदा नदी के किनारे भेड़ाघाट नाम की जगह पर मिलने वाले मार्बल पत्थरों की वजह से भी जाना जाता है.

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नर्मदा नदी के किनारे बसे जबलपुर को मध्य प्रदेश की न्यायिक राजधानी भी कहा जाता है. इस शहर में प्रदेश की सर्वोच्च अदालत 'मध्य प्रदेश हाई कोर्ट' के साथ-साथ अन्य प्रशासनिक मुख्यालय भी मौजूद हैं. यह प्रदेश का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला जिला है. विश्व प्रसिद्ध स्नूकर खेल की शुरुआत भी इसी शहर से हुई थी. यह शहर नर्मदा नदी के किनारे भेड़ाघाट नाम की जगह पर मिलने वाले मार्बल पत्थरों की वजह से भी जाना जाता है. जबलपुर उन कुछ चुनिंदा जगहों में से है, जहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्री मौजूद है. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सेनाओं के लिए जरूरी साजो-सामान बनाती है.

काफी दिलचस्प रहा है जबलपुर का इतिहास

हिंदू महाकाव्य महाभारत के अनुसार यह इलाका राजा शिशुपाल का था. इस शहर के 84 किमी उत्तर में रूपनाथ नाम की जगह पर सम्राट अशोक के काल के अवशेष मिले हैं, जो यहां मौर्य साम्राज्य के होने की तरफ इशारा करते हैं. गोंड राजाओं के समय जबलपुर एक प्रमुख नगर माना जाता था.

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गोंडवाना की वीरांगना रानी दुर्गावती ने उस काल में जल संरक्षण के महत्व को समझते हुए यहां कई तालाब बनवाए. आज भी इस शहर के इलाके रानीताल, हाथीताल, हनुमानताल जैसे नामों से पुकारे जाते हैं.

 साल 1742 में ये मराठाओं के आधिपत्य में आ गया. इसके बाद मराठा पेशवा ने 1798 में इस क्षेत्र को नागपुर के भोंसले राजाओं को दे दिया. जिन्होंने 1818 तक यहां राज किया लेकिन फिर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने सीताबड़ी के युद्ध में उन्हें हराकर यहां अपना कब्जा जमाया.

औद्योगिक विकास और संस्कृति

नर्मदा नदी के किनारे बसे होने के कारण यहां की मिट्टी काफी उपजाऊ मानी जाती है. यहां दाल, कपास, गन्ना आदि उगाया जाता है. इसके अलावा रेडीमेड कपड़े भी जबलपुर की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा सहयोग करते हैं. पिछली सदी में ही यहां डिफेंस प्रतिष्ठान भी शुरू किये गये थे, जिनमें गन कैरिज फैक्ट्री, वाहन फैक्ट्री और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री शामिल हैं. सशस्त्र सेनाओं द्वारा भी इस शहर की अर्थव्यवस्था में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है. संस्कृति की बात करें तो यहां मुख्य रूप से हिन्दी और कुछ क्षेत्रों में बुंदेली भी बोली जाती है. जबलपुर में गोंड आदिवासियों की बहुतायत है और उनके द्वारा विशेष अवसरों पर प्रस्तुत किए जाने वाले लोकगीत और लोकनृत्य भी काफी लोकप्रिय हैं.

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पर्यटन स्थल एवं मुख्य आकर्षण

जबलपुर में मौजूद भेड़ाघाट के पत्थर पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं

जबलपुर में घूमने की जगहों की कोई कमी नहीं है. यहां के प्रमुख पर्यटक स्थलों में धुआंधार फाल, भेड़ाघाट के पत्थर, बैलेसिंग रॉक, मदन महल किला, डुमना प्राकृतिक उद्यान और मंडला किला शामिल हैं. यह सभी जगहें प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर से आने वाले सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. इन जगहों के सुंदर होने के अलावा सबके अपने ऐतिहासिक महत्व भी है जो कि इन्हें और खास बनाते हैं.

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जबलपुर एक नजर में

  • जिला मुख्यालय -जबलपुर
  • क्षेत्रफल 5,211वर्ग किमी
  • जनसंख्या - 3,203,000
  • जनसंख्या घनत्व -472/वर्ग किमी
  • लिंगानुपात - 935/1000
  • साक्षरता -87.39%
  • तहसील -10
  • संभाग -जबलपुर
  • विधानसभा क्षेत्र -8
  • लोकसभा क्षेत्र-1