Sanjari Balod Election Results 2023: संजरी बलोड (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को जानें

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में संजरी बलोड विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 208378 मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी संगीता सिन्हा को 90428 वोट देकर जिताया था. उधर, बीजेपी उम्मीदवार पवन साहू को 62940 वोट हासिल हो सके थे, और वह 27488 वोटों से हार गए थे.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
छत्तीसगढ़ राज्य में दो चरणों में 7 तथा 17 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य में दक्षिण क्षेत्र के बलोड जिले में संजरी बलोड विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 208378 मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी संगीता सिन्हा को 90428 वोट देकर जिताया था. उधर, बीजेपी उम्मीदवार पवन साहू को 62940 वोट हासिल हो सके थे, और वह 27488 वोटों से हार गए थे.

इसी तरह वर्ष 2013 में संजरी बलोड विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी भैया राम सिन्हा को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 88874 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार प्रीतम साहू को 58441 वोट मिल सके थे, और वह 30433 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.

इससे पहले, संजरी बलोड विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी के प्रत्याशी मदन लाल साहू ने कुल 56620 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और कांग्रेस उम्मीदवार मोहन पटेल दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 49984 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 6636 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

Advertisement

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में छत्तीसगढ़ में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और पार्टी ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह का 15 साल तक चला कार्यकाल खत्म हो गया था. BJP इस चुनाव में महज़ 15 सीटें ही अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता में कैसे बदलाव हुआ था, इसे समझने के लिए 2013 के चुनाव परिणाम पर भी निगाह डालनी होगी. तब BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41 सीटें, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर महज़ 1 फीसदी से भी कम था. अब भूपेश सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, तो BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.

Advertisement
Topics mentioned in this article