Rampur Election Results 2023: रामपुर (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को जानें

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में रामपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 201629 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी ननकी राम कंवर को 65048 वोट देकर जिताया था. उधर, जेसीसी (जे) उम्मीदवार फूल सिंह राठिया को 46873 वोट हासिल हो सके थे, और वह 18175 वोटों से हार गए थे.

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छत्तीसगढ़ राज्य में दो चरणों में 7 तथा 17 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य में उत्तर क्षेत्र के कोरबा जिले में रामपुर विधानसभा क्षेत्र है, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 201629 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी ननकी राम कंवर को 65048 वोट देकर जिताया था. उधर, जेसीसी (जे) उम्मीदवार फूल सिंह राठिया को 46873 वोट हासिल हो सके थे, और वह 18175 वोटों से हार गए थे.

इसी तरह वर्ष 2013 में रामपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्याम लाल कंवर को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 67868 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ननकी राम कंवर को 57953 वोट मिल सके थे, और वह 9915 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.

इससे पहले, रामपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी के प्रत्याशी ननकी राम कंवर ने कुल 58415 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और कांग्रेस उम्मीदवार प्यारेलाल कंवर दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 50094 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 8321 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

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गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में छत्तीसगढ़ में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और पार्टी ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह का 15 साल तक चला कार्यकाल खत्म हो गया था. BJP इस चुनाव में महज़ 15 सीटें ही अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता में कैसे बदलाव हुआ था, इसे समझने के लिए 2013 के चुनाव परिणाम पर भी निगाह डालनी होगी. तब BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41 सीटें, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर महज़ 1 फीसदी से भी कम था. अब भूपेश सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, तो BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.

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