Raigarh Election Results 2023: रायगढ़ (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को जानें

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 248398 मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रकाश शक्राजीत नायक को 69062 वोट देकर जिताया था. उधर, बीजेपी उम्मीदवार रोशन लाल को 54482 वोट हासिल हो सके थे, और वह 14580 वोटों से हार गए थे.

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छत्तीसगढ़ राज्य में दो चरणों में 7 तथा 17 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य में उत्तर क्षेत्र के रायगढ़ जिले में रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 248398 मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रकाश शक्राजीत नायक को 69062 वोट देकर जिताया था. उधर, बीजेपी उम्मीदवार रोशन लाल को 54482 वोट हासिल हो सके थे, और वह 14580 वोटों से हार गए थे.

इसी तरह वर्ष 2013 में रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी रोशन लाल को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 91045 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार शक्राजीत नायक को 70453 वोट मिल सके थे, और वह 20592 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.

इससे पहले, रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर शक्राजीत नायक ने कुल 72054 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और बीजेपी उम्मीदवार विजय अग्रवाल दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 59110 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 12944 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

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गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में छत्तीसगढ़ में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और पार्टी ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह का 15 साल तक चला कार्यकाल खत्म हो गया था. BJP इस चुनाव में महज़ 15 सीटें ही अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता में कैसे बदलाव हुआ था, इसे समझने के लिए 2013 के चुनाव परिणाम पर भी निगाह डालनी होगी. तब BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41 सीटें, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर महज़ 1 फीसदी से भी कम था. अब भूपेश सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, तो BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.

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