ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के फोटो-VIDEO, भारत ने दिखाया कैसे पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को किया तबाह

Operation Sindoor: प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीएमओ ने पाकिस्तान में तबाह किए गए आतंकी ठिकानों को दिखाया है. पीओके में पांच और पाकिस्तान में 4 आतंकी ठिकाने थे. इस दौरान 100 आतंकी मारे गए. इसके अलावा पाकिस्तान के 30-40 जवान भी मारे गए हैं.

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Press Briefing on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर पर डीजीएमओ (DGMO, Director General of Military Operation) ने रविवार शाम 06:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी ठिकानों पर की गई कार्रवाई को बताया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया है.  इसमें पाकिस्तान (Pakistan) में चार और पीओजेके (PoJK) में पांच आतंकी ठिकाने थे. ऑपरेशन सिंदूर में 100 आतंकी मारे गए. प्रेस ब्रीफिंग में डीजीएमओ ने बताया कि आतंक के खात्मे के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया है, जिसका लक्ष्य बिल्कुल साफ है.

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि आतंकी ठिकानों (Terrorist Camp) को निशाना बनाने से पहले बड़ी मेहनत और बारीकी से आतंकी कैंप और ट्रेनिंग कैंप (Terrorist Training Camp) की पहचान की गई. हमारा टारगेट सिर्फ आतंकियों को ही ठिकाना बनाना था. स्ट्राइक के डर से कई आतंकियों ने ठिकानों को पहले ही खाली भी कर दिया था, लेकिन हमने 9 आतंकी ठिकानों की पहचान कर ली, जहां आतंकी मौजूद थे.

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बहवलपुर का आतंकी ठिकाना (Bahwalpur Terror Camp)

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ब्रीफिंग में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force), (Indian Navy) और थल सेना (Indian Army) के अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (Lt Gen Rajeev Ghai), एयर मार्शल एके भारती (Air Marshal AK Bharti), वाइस एडमिरल एएन प्रमोद (Vice Admiral AN Pramod) और मेजर जनरल एसएस शारदा (Major General SS Sharda) मौजूद थे.

मुरीदके आतंकी ठिकाना (Muridke Terrorist Camp)

मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का केंद्र था. पिछले कई सालों से अजमल कसाब (Ajmal Kasab) और डेविड हेडली (David Headley) जैसे कुख्यात आतंकियों को जन्म देता रहा है.

ये आतंकी मारे गए

आतंकियों में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे लक्ष्य शामिल थे, जो IC814 के हाईजैक और पुलवामा ब्लास्ट में शामिल थे। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा का भी उल्लंघन किया गया और हमारे दुश्मन की अनिश्चित और घबराई हुई प्रतिक्रिया, दुर्भाग्यवश बड़ी संख्या में नागरिकों, बसे हुए गांवों और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर की गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। भारतीय वायुसेना ने इन हमलों में अहम भूमिका निभाई और इनमें से कुछ शिविरों पर हमला किया तथा भारतीय नौसेना ने सटीक हथियारों के मामले में साधन उपलब्ध कराए..."

8 मई को ड्रोन से हमला करने की कोशिश की

एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि 8 मई को रात 8 बजे से शुरू होकर, कई पाकिस्तानी मानवरहित एरियल सिस्टम, ड्रोन, लड़ाकू वाहनों ने कई भारतीय वायु सेना (IAF, Indian Air Force) के ठिकानों पर हमला किया. इनमें जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा, डलहौजी, जैसलमेर शामिल थे. ये लगभग एक साथ आ थे. हमारी सभी एयर डिफेंस (Indian Air Defence) गन और अन्य सिस्टम ने नष्ट कर दिया. इनके लिए हमने कि पिकोरा, आईएएफ (IAF SAMAR) डिफेंस सिस्टम का प्रयोग किया था.

जहां चोट पहुंचेगी, वहां हमला करेंगे

उन्होंने आगे कहा कि जहां चोट पहुंचेगी, वहां हमला करने का फैसला लिया गया. इस दिशा में हमने पूरे पश्चिमी मोर्चे पर उनके एयर बेस, कमांड सेंटर, सैन्य बुनियादी ढांचे, एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया. हमने जिन ठिकानों को नष्ट किया उनमें चकलाला, रफीक, रहीम यार खान एयरबेस शामिल हैं. स्पष्ट संदेश है कि आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके बाद सरगोधा, भुलरी और जैकोबाबाद में हमले किए गए. हमारे पास इन ठिकानों और उससे भी कहीं ज्यादा हर सिस्टम को निशाना बनाने की क्षमता है. पाकिस्तान के तीन रडार सिस्टम को तबाह किया है.

नेवी थी तैयार, जरूरत पड़ी तो और ठिकाने तबाह करेंगे

डीजीएमओ ने कहा कि अरब सागर में भारतीय नेवी तैयार थी. सियालकोट, पसरूर एयरबेस तबाह किया. डीजीएमओ ने कहा कि भारतीय सेना को काउंटर अटैक की छूट है. अगर जरूरत पड़ी तो और आतंकी ठिकानों को तबाह किया जाएगा.

पाकिस्तान ने खोए जवान

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि कुछ हवाई क्षेत्रों और डंपों पर हवा से लगातार हमले हुए. सभी को विफल कर दिया गया. पाकिस्तानी सेना ने बताया है कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर तोपखाने और छोटे हथियारों की गोलीबारी में लगभग 35 से 40 जवानों को खो दिया है.

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