Mungeli Election Results 2023: मुंगेली (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को जानें

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मुंगेली विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 226498 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी पुन्नूलाल मोहले को 60469 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार राकेश पात्रे को 51982 वोट हासिल हो सके थे, और वह 8487 वोटों से हार गए थे.

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छत्तीसगढ़ राज्य में दो चरणों में 7 तथा 17 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य में उत्तर क्षेत्र के मुंगेली जिले में मुंगेली विधानसभा क्षेत्र है, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 226498 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी पुन्नूलाल मोहले को 60469 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार राकेश पात्रे को 51982 वोट हासिल हो सके थे, और वह 8487 वोटों से हार गए थे.

इसी तरह वर्ष 2013 में मुंगेली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी पुन्नूलाल मोहले को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 61026 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रभान बारमटे को 58281 वोट मिल सके थे, और वह 2745 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.

इससे पहले, मुंगेली विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी के प्रत्याशी पुन्नूलाल मोहले ने कुल 52074 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और कांग्रेस उम्मीदवार चुरावन मंगेशकर दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 41749 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 10325 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

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गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में छत्तीसगढ़ में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और पार्टी ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह का 15 साल तक चला कार्यकाल खत्म हो गया था. BJP इस चुनाव में महज़ 15 सीटें ही अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता में कैसे बदलाव हुआ था, इसे समझने के लिए 2013 के चुनाव परिणाम पर भी निगाह डालनी होगी. तब BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41 सीटें, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर महज़ 1 फीसदी से भी कम था. अब भूपेश सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, तो BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.

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