Indian Mobile Congress 2025: केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नई दिल्ली में आयोजित इंडियन मोबाइल कांग्रेस-2025 के पहले दिन सैटकॉम समिट में हिस्सा लिया और “स्पेस नेटवर्क्स फॉर यूनिवर्सल कनेक्टिविटी” विषय पर अपनी बात रखी. संचार मंत्रालय द्वारा आयोजित इस इवेंट में विश्वभर के विशेषज्ञ शामिल हुए हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज भारत विश्व की गति तय कर रहा है. सिंधिया ने कहा कि यह सम्मेलन केवल एक और तकनीकी समिट नहीं, बल्कि एक नई क्रांति की शुरुआत है. एक ऐसी क्रांति जो आकाश में जन्म लेती है, सैटेलाइट्स द्वारा संचालित होती है और धरती पर मानव जीवन में बदलाव लाती है.
सैटकॉम क्या है?
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि "सैटकॉम केवल तकनीक नहीं है, डिजिटल युग का न्याय है. यह उस किसान के लिए न्याय है जो लद्दाख में वास्तविक समय के मौसम अपडेट चाहता है, उस मछुआरे के लिए जो लक्षद्वीप में तूफान की चेतावनी सुनना चाहता है, उस बच्चे के लिए जो छत्तीसगढ़ के जनजातीय गाँव में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक से सीखना चाहता है, और उस डॉक्टर के लिए जो बाढ़ग्रस्त असम में मरीजों तक पहुँचना चाहता है."
भारत अब केवल सहभागी नहीं, नेतृत्वकर्ता है: सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल विश्व की गति पकड़ी है, बल्कि अब विश्व को दिशा देने वाला देश बन गया है. उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में भारत ने 5G कनेक्टिविटी से 99.9% आबादी को जोड़ा, देशभर में 4.8 लाख टावर स्थापित किए, और अब सैटकॉम के क्षेत्र में दुनिया का सबसे तेज रोलआउट करने की दिशा में अग्रसर है.
डिजिटल भारत निधि से सुदूर गाँवों तक पहुँच
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डिजिटल भारत निधि के माध्यम से भारत सरकार ने 38,000 से अधिक दुर्गम गाँवों को कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. अब तक 29,000 गाँवों (लगभग 75%) को जोड़ा जा चुका है, जिसमें ₹40,000 करोड़ का निवेश किया गया है. उन्होंने कहा जहाँ सड़कें नहीं पहुँचतीं, वहाँ सैटकॉम पहुँचेगा और यही सच्चे समावेशन की कहानी होगी.
भारत का अंतरिक्ष आरोहण, आत्मविश्वास और नवाचार का प्रतीक
सिंधिया ने कहा कि भारत ने आर्यभट्ट से लेकर चंद्रयान-3 तक की यात्रा में यह सिद्ध किया है कि अब हमारे सपने दूसरों की कक्षाओं में नहीं, अपनी स्वयं की कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं. उन्होंने अदित्य-L1, Gaganyaan, और NAVIC जैसी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब “केवल भागीदार नहीं, बल्कि नवाचार का अगुआ” बन चुका है.
भारत वैश्विक नवाचार का संचालक बनेगा
सिंधिया ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत केवल इस वैश्विक प्रगति का दर्शक न रहे, बल्कि इस सिम्फनी का संचालक (Conductor) बने. सरकार, उद्योग, स्टार्टअप, अकादमिक संस्थान और अंतरराष्ट्रीय साझेदार सहित सबको मिलकर इस साझा मिशन को आगे बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा आकाश से हमें भविष्य पुकार रहा है, आइए, इसे साहस, निष्ठा और सहयोग से उत्तर दें.
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