Natwar Singh Passes Away: पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह का शनिवार देर रात निधन हो गया. अपनी आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट एनफ़' से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अंतरात्मा की आवाज को विवादों में लाने वाले पूर्व कांग्रेस नेता नटवर सिंह ने शनिवार रात को 95 वर्ष की उम्र में गुरूग्राम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके पारिवारिक सूत्रों ने उनके निधन की सूचना देर रात साझा की.
1984 में आईएफएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए नटवर सिंह
1953 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुना गए नटवर सिंह ने 1984 में नौकरी छोड़कर राजनीति में आए. कांग्रेस के टिकट पर राजस्थान के भरतपुर से चुनाव लड़े और लोकसभा सांसद बने नटवर सिंह ने 1985 में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए गए. उन्हें इस्पात, कोयला और खान व कृषि विभाग का कार्यभार संभाला
1986 में विदेश मामलों के मंत्री बने नटवर सिंह पाकिस्तान में राजदूत भी रहे
नटवर सिंह 1986 में विदेश मामलों के राज्य मंत्री बने. उन्होंने पाकिस्तान में भारत के राजदूत के रूप में भी काम किया. सिंह को 1987 में न्यूयॉर्क में आयोजित निरस्त्रीकरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का अध्यक्ष चुना गया था. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 42वें सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था.
आत्मकथा 'वन लाइफ इन नॉट एनफ' में किए खुलासे ने उन्हें विवादों में ला दिया
पूर्व राजनयिक नटवर सिंह ने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखा, लेकिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के यूपीए सरकार 1 में प्रधानमंत्री नहीं बनने के पीछे की असली वजह का खुलासा करती उनकी आत्मकथा 'वन लाइफ इन नॉट एनफ' ने उन्हें सुर्खियों के साथ-साथ विवादों में ला दिया.
नटवर सिंह की आत्मकथा में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दावों को उलट दिया
वर्ष 2024 में पब्लिश हुई पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह की आत्मकथा 'वन नाइट इज एनफ' में उन्होंने खुलासा किया था कि यूपीए सरकार -1 में प्रधानमंत्री पद नहीं स्वीकारने के पीछे कांग्रेस द्वारा प्रचारित की गई बात सच नहीं थी. पूर्व विदेश मंत्री ने अपनी किताब में सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री पद नहीं स्वीकारने और उसे सोनिया गांधी के त्याग से जोड़ने वाली कहानी से पर्दा हटाकर विवाद खड़ा कर दिया था, जिससे सोनिया गांधी काफी असहज हुईं थी..
नटवर सिंह ने आत्मकथा में यह दावा कर भारतीय राजनीति मे ं तूफान ला दिया था
नटवर सिंह ने अपनी आत्मकथा में यह दावा कर सनसनी फैला दी थी कि 2004 में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी की वजह से प्रधानमंत्री का पद नहीं संभाला.आत्मकथा में उन्होंने लिखा, राहुल गांधी की जिद थी कि सोनिया गांधी को किसी भी सूरत में प्रधानमंत्री का पद नहीं संभालना चाहिए, क्योंकि उन्हें डर था कि उनकी मां को भी उनके पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी की तरह मार दी जाएंगी.
सोनिया गांधी के दावे के उलट खुलासाकर नटवर सिंह कांग्रेस से भी दूर हो गए
नटवर सिंह द्वारा अपनी आत्मकथा किया गया यह दावा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उक्त दावे के बिल्कुल विपरीत था, जिसे कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रचारित किया था कि सोनिया गांधी ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर प्रधानमंत्री पद का त्याग किया था और डा. मनमोहन सिंह को यूपीए सरकार 1 की बागडोर सौंपी थी.
सोनिया गांधी ने आत्मकथा लिखकर सच्चाई सामने लाने की बात की थी, लेकिन..
नटवर सिंह द्वारा आत्मकथा में किए दावे से उठे विवाद के बाद सोनिया गांधी को सफाई देनी पड़ी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अपनी खुद की किताब लेकर आएंगी, जो ‘सच्चाई' सामने लाएंगी.यह अलग बात है कि नटवर सिंह की किताब को आए एक दशक हो चुका है, लेकिन सोनिया गांधी की आत्मकथा अभी सामने नहीं आ सकी है.
खूब चर्चा में रही थी सोनिया गांधी को उद्घाटित करती नटवर सिंह की आत्मकथा
दिवंगत नटवर सिंह ने आत्मकथा वन नाइट इज नॉट एनफ के अलावा दर्जनों किताबें लिखी हैं. इनमे 'द लिगेसी ऑफ नेहरू: ए मेमोरियल ट्रिब्यूट', 'टेल्स फ्रॉम मॉडर्न इंडिया', और 'ट्रेजर्ड एपिस्टल्स' प्रमुख हैं, लेकिन उनकी आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट इनफ' ने सर्वाधिक चर्चा रही.
ये भी पढ़ें-CWC Meeting: एक बार फिर सोनिया गांधी को बनाया गया कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष, खरगे ने क्या कहा जानिए