Degree Vs Skill: भारत में आधे से अधिक ग्रेजुएट नौकरी के काबिल नहीं, जानें आपके प्रदेश का हाल?

Graduate Vs Skill: रिपोर्ट की बड़ी बात यह है कि AI वाले इस दौर में AI और डाटा साइंस जैसे क्षेत्रों में काम करने के लिए सिर्फ 46 प्रतिशत ग्रेजुएट ही योग्य हैं. रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि काबिल ग्रुजेएट्स के मामले में उत्तर भारत के राज्य दक्षिण भारतीय राज्यों से कहीं आगे हैं.

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India's Graduate Skills Index 2025

Indian Graduates: कहते हैं पढ़े से अधिक कढ़े की वैल्यू की होती है. ऐसा ही कुछ कहता है युवाओं की काबिलियत जुड़ी एक रिपोर्ट, जो पढ़ाई से अधिक कढ़ाई की वकालत करती है. जी हां, एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 57 फीसदी ग्रेजुएट नौकरी के काबिल नहीं हैं. यानी 57 फीसदी ग्रेजुएट नौकरी करने का काबिलियत नहीं है.हालांकि यह पहली बार नहीं है जब काबिलियत और क्वालिफिकेशन को लेकर बहस शुरू हुई है.

 देश में आधे से ज्यादा ग्रेजुएट युवाओं में स्किल का संकट है,जिससे उनके लिए रोजगार वाला संकट भी बढ़ रहा है. इंडियाज ग्रेजुएट स्किल्स इंडेक्स 2025 के मुताबिक देश में आधे से ज्यादा ग्रेजुएट युवाओं के पास नौकरी पाने की काबिलियत नहीं है.यानी 43 फीसदी युवा ग्रेजुएट तो हैं, लेकिन उनमें उस हुनर या कौशल की कमी है, जो नौकरी के लिए जरूरी है.

नौकरी पाने के योग्य नहीं हैभारत के 57 फीसदी ग्रेजुएट्स

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत के सिर्फ 43 प्रतिशत युवा ही नौकरी के काबिल हैं.हांलाकि पिछले साल ये आंकड़ा 44 फीसदी से ज्यादा था, जिसमें 1 फीसदी की कमी आई है.रिपोर्ट कहती है कि भारत में पिछले साल की तुलना में नौकरी के काबिल ग्रुजेएट की संख्या कम हुई है, जिसकी वजह ग्रेजुएट करने वाले नए युवाओं से बेहतर स्किल्स की उम्मीद थी, लेकिन आधे से ज्यादा ग्रेजुएट उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके.

43% पुरूष और 42% महिला ग्रेजुएट ही नौकरी के काबिल 

गौरतलब है नमूने के लिए देश के 10 लाख ग्रेजुएट छात्रों पर स्टडी की गई थी, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता और इंडस्ट्री की मांग के हिसाब से स्किल्स को आंका गया. बेरोजगारी दर के आंकड़ों में पुरूष और महिलाओं में बेशक बड़ा अंतर हो, लेकिन स्किल्स के मामले में अंतर ज्यादा नहीं है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 43 फीसदी पुरूष तो 42 प्रतिशत महिला ग्रेजुएट्स नौकरी के काबिल हैं.

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सबसे ज्यादा काबिल ग्रेजुएट्स के मामले में दिल्ली पहले नंबर पर है, जहां 53 प्रतिशत से ज्यादा युवा नौकरी के काबिल पाए गए. इसके बाद पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड के ग्रेजुएट्स हैं, जो नौकरी के लिए सबसे ज्यादा काबिल बताए गए हैं.

काबिलियत में दक्षिणी राज्यों से आगे हैं उत्तरी राज्य के ग्रेजुएट्स

रिपोर्ट की बड़ी बात यह है कि AI वाले इस दौर में AI और डाटा साइंस जैसे क्षेत्रों में काम करने के लिए सिर्फ 46 प्रतिशत ग्रेजुएट ही योग्य हैं. रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि काबिल ग्रुजेएट्स के मामले में उत्तर भारत के राज्य दक्षिण भारतीय राज्यों से कहीं आगे हैं.

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काबिलियत वाले ग्रेजुएट्स में सबसे नंबर वन राज्य है दिल्ली

सबसे ज्यादा काबिल ग्रेजुएट्स के मामले में दिल्ली पहले नंबर पर है, जहां 53 प्रतिशत से ज्यादा युवा नौकरी के काबिल पाए गए. इसके बाद पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड के ग्रेजुएट्स हैं, जो नौकरी के लिए सबसे ज्यादा काबिल बताए गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि टॉप टेन लिस्ट में दक्षिण भारत का सिर्फ एक राज्य तेलंगाना शामिल है, लेकिन इसके बावजूद वो दसवें स्थान पर है.

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रिपोर्ट की बड़ी बात यह है कि AI वाले इस दौर में AI और डाटा साइंस जैसे क्षेत्रों में काम करने के लिए सिर्फ 46 प्रतिशत ग्रेजुएट ही योग्य हैं. रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि काबिल ग्रुजेएट्स के मामले में उत्तर भारत के राज्य दक्षिण भारतीय राज्यों से कहीं आगे हैं.

देश में अनस्किल्ड युवाओं की संख्या में तेजी से हुआ इजाफा

उल्लेखनीय है साक्षरता के मामले में दक्षिण भारत के कई राज्य बेशक आगे हो, लेकिन स्किल्स के मामले में उत्तर भारत के ग्रेजुएट्स कहीं आगे हैं.वैसे ये रिपोर्ट चिंता का अलार्म है.युवा वर्क फोर्स के दम पर हम विकसित भारत का सपना देख रहे हैं, लेकिन अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश में अनस्किल्ड युवाओं की संख्या इजाफा होता रहेगा, जो रोजगार का संकट और विकास की गति में स्पीड ब्रेकर बन सकता है.

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