Cough Syrup: बाजार में लाने से पहले सरकारी लैब में होगी कफ सिरप की जांच, बच्चों की मौत के बाद सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Cough Syrup: अब भारत में भी कफ सिरप की सरकारी लैब में जांच ज़रूरी कर दी गई है. पहले ये नियम सिर्फ विदेश भेजी जाने वाली सिरप की जांच के लिए अनिवार्य था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Cough Syrup Case: कफ सिरप पीने से बच्चों की हुई मौत के बाद अब केंद्र  सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब कफ सिरप को बाजार में लाने से पहले सरकारी लैब में  उसकी जांच होगी. इतना ही नहीं सरकार ने दवाओं में इस्तेमाल होने वाली 10 रसायनों को हाई रिस्क की केटेगरी में भी रखा है.केंद्र ने इन रसायनों की तत्काल निगरानी को लेकर राज्यों को आदेश भी जारी किया है. 

अब भारत में भी कफ सिरप की सरकारी लैब में जांच ज़रूरी कर दी गई है. पहले ये नियम सिर्फ विदेश भेजी जाने वाली सिरप की जांच के लिए अनिवार्य था. लेकिन अब घरेलू बाज़ार में भी सिरप बेचने से पहले भी जांच होगी. फ़ार्मा कंपनियों को सिरप बेचने से पहले सर्टिफिकेट ऑफ एनालिसिस लेना होगा.यह सर्टिफिकेट सरकारी या सरकार द्वारा तय की गई प्रयोगशालाओं से जांच के बाद मिलेगा.जांच और प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही कफ सिरप बाज़ार में बेचे जा सकेंगे.

इन दवाओं पर लागू होगा नियम 

यह नियम उन सिरप और दवाओं पर लागू होगा जिनमें डीईजी या ईजी जैसे रसायन होते हैं.देश में खांसी की दवाओं में जहरीले रसायनों की मिलावट के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार दवाओं की निगरानी, जांच और गुणवत्ता को लेकर कड़े कदम उठा रही है. सरकार ने दवाओं में इस्तेमाल होने वाली 10 रसायनों को हाई रिस्क की केटेगरी में भी रखा है.केंद्र ने इन रसायनों की तत्काल निगरानी को लेकर राज्यों को आदेश भी जारी किया है. ग्लिसरीन, प्रोपाइलीन ग्लाइकोल, माल्टिटोल और माल्टिटोल सॉल्यूशन, सोर्बिटोल और सोर्बिटोल सॉल्यूशन, हाइड्रोजेनेटेड स्टार्च हाइड्रोलाइसेट, डाइएथिलीन ग्लाइकोल स्टिऐरेट्स, पॉलीएथिलीन ग्लाइकोल, पॉलीएथिलीन ग्लाइकोल मोनोमेथिल ईथर, पॉलीसॉर्बेट और पॉलीऑक्सिल कंपाउंड्स और एथिल अल्कोहल रसायन को हाई-रिस्क सॉल्वेंट्स की सूची में रखा गया है .

CDSCO नें सभी राज्यों से कहा है कि अब इन हाई रिस्क सॉल्वेट्स की पूरी सप्लाई की की प्रक्रिया सरकारी निगरानी के दायरे में रहेगी. यानी उत्पादन से लेकर दवाओं के बाजार तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया सब कुछ सरकार की देखरेख में रहेगी. हाल में सरकार द्वारा शुरू किए गए ONDLS पोर्टल पर डिजिटल रूप से इसको ट्रैक किया जाएगा.

Advertisement

पंजीयन करना होगा 

CDSCO ने अपने आदेश में कहा है कि दवाओं में इनका इस्तेमाल करने वाली फ़ार्मा कंपनियों को ओएनडीएलएस पोर्टल पर पंजीयन करना होगा.जिन कंपनियों के पास पहले से मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस हैं वो भी पोर्टल पर अपनी जानकारी अपडेट करेंगी.

ये भी पढ़ें Special Train: छठ पूजा पर 1998 विशेष ट्रेनें चलाएगा मध्य रेलवे, 30 लाख से ज्यादा यात्रियों को होगी सुविधा 

Advertisement

Topics mentioned in this article