Delhi Farmer Protest: किसान आंदोलन के संबंध में किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली (Delhi) कूच करने का ऐलान कर दिया है. इसके बाद से ही पूरे NCR क्षेत्र में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को टाइट कर दिया है. पुलिस दिल्ली के सभी बॉर्डरों (Delhi Borders checking) पर कड़ी चेकिंग कर रही है. इस चेकिंग अभियान के कारण दिल्ली-नोएडा (Delhi Noida Traffic) के सभी बॉर्डर पर लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है. सोमवार की दोपहर गाड़ियां सड़कों पर रेंगती हुई नजर आई.
पुलिस ने लिया बड़ा एक्शन
दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि 2 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच करने का आह्वान किया है. इसके कारण दिल्ली/बार्डर एरिया में चेकिंग की जा रही है. चेकिंग के कारण ट्रैफिक बाधित हो रही है और यातायात धीमी गति से चल रही है. ट्रैफिक को सही रखने के लिए सभी रेड लाइट को लगातार ग्रीन रखा जा रहा है.
इस जगह पर जमा होंगे किसान
जानकारी के अनुसार, दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर स्थित महामाया फ्लाईओवर पर किसानों का एक साथ जमा होने की बात है. फिर यहां से दिल्ली की तरफ वे कूच करेंगे. यहां से कालिंदी कुंज के जरिए और डीएनडी और उसके बाद चिल्ला बॉर्डर के जरिए दिल्ली की तरफ जाया जा सकता है, जहां पर दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस दोनों ही तरफ से दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश कर रही है.
इसलिए कर रहे हैं दिल्ली कूच
दरअसल, रविवार को किसानों के तीनों प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस कमिश्नर के साथ किसानों की दो घंटे तक बैठक चली. लेकिन, ये पूरी तरह से बेनतीजा निकली. अधिकारियों ने किसानों से अपील की थी कि वह दिल्ली कूच के कार्यक्रम को स्थगित कर दें, लेकिन किसान संगठनों ने इस बात को नहीं माना. पूरे जिले में धारा 163 लागू कर दी गई है. उसके बावजूद भी किसान बड़ी संख्या में महामाया फ्लाईओवर के पास जुटेंगे और यहां से दिल्ली कूच करेंगे.
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क्या है किसानों की मांग
यूपी के किसानों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्राधिकरण के सामने महापंचायत की थी. जिसमें उनकी मुख्य मांगे थी कि पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट और 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा मिले. 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20 प्रतिशत प्लॉट दिया जाए. इसके साथ ही सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास लाभ भी मिले. हाई पावर कमेटी द्वारा पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए. इसके अलावा आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाना चाहिए.
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