Asaduddin Owaisi: खतरे में आई असदुद्दीन ओवैसी की सांसदी, शपथ के बाद संसद में 'जय फिलिस्तीन' के नारे लगाने का है आरोप

Asaduddin Owaisi's Membership of Parliament In Danger: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजी गई शिकायत में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता खत्म करने की वकालत की गई है. आरपो है कि ओवैसी ने संसद भवन में संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद सदन में 'जय फिलिस्तीन' के नारे लगाए.

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AIMIM Leader Asaduddin Owaisi: लोकसभा सदस्य के रूप में मंगलवार को शपथ ग्रहण के दौरान 'जय फिलिस्तीन' के नारे लगाने वाले हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी की सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिकायत की गई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उनके पिता और उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने यह शिकायत दर्ज कराई है.

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजी गई शिकायत में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता खत्म करने की वकालत की गई है. आरपो है कि ओवैसी ने संसद भवन में संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद सदन में 'जय फिलिस्तीन' के नारे लगाए.

ओवैसी के खिलाफ अनुच्छेद 102 और 103 के तहत की गई शिकायत 

सोशल मीडिया एक्स पर सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने लिखा, "श्री हरि शंकर जैन ने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दायर की है, जिसमें उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है.

दोषी पाए जाने पर राष्ट्रपति संसद की सदस्यता अयोग्य ठहरा सकती है

अनुच्छेद 102 के अनुसार, कोई व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए अयोग्य होगा, यदि वह भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर हो, या उसे अदालत द्वारा दिमागी रूप से अक्षम घोषित किया गया हो, या दिवालिया घोषित किया गया हो, या भारत का नागरिक न हो या भारत के साथ किसी दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार करता है, या उसे संसद द्वारा पारित किसी कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया हो.

अनुच्छेद 103 में राष्ट्रपति को सांसद की योग्यता पर फैसला लेने का है अधिकार

अनुच्छेद 103 में राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया गया है कि अनुच्छेद 102 के तहत कोई शिकायत प्राप्त होने पर वह संबंधित सांसद की योग्यता पर फैसला लें. हालांकि कोई भी फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग से परामर्श करना जरूरी है. बता दें, ओवैसी अक्सर अपने बयानों और हरकतों से चर्चा में रहते हैं, लेकिन इस बार पासा उनके खिलाफ जा सकता है.

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