Aditya L1 ने बढ़ाया सूर्य की ओर एक और कदम, तीसरी बार सफलतापूर्वक बदली कक्षा

इसरो ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर बताया कि इस्ट्रैक सेंटर से आदित्य-एल1 के पृथ्वी की कक्षा बदलने का तीसरा चरण सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया. ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस, बंगलूरू और पोर्ट ब्लेयर स्थित इसरो के ग्राउंड स्टेशनों से मिशन की प्रक्रिया को ट्रैक किया गया.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
Aditya L1 ने बढ़ाया सूर्य की ओर एक और कदम
भोपाल/रायपुर:

भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत सूरज के बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए भेजे गए आदित्य-एल1 यान की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया रविवार को सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को एक्स पर पोस्ट शेयर कर यह जानकारी दी है. इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) ने इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

इसरो ने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर लिखा, 'पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया (ईबीएन-3) आईएसटीआरएसी, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरी की गई. मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र)-शार और पोर्ट ब्लेयर में आईएसटीआरएसी/इसरो के केंद्रों ने इस अभियान के दौरान उपग्रह की निगरानी की.'

ये भी पढ़े: भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल-1 कुछ ही देर में भरेगा उड़ान , सामने आएंगे सूरज के रहस्य

अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि प्राप्त की गई नयी कक्षा 296 किलोमीटर x 71,767 किलोमीटर है. आदित्य एल1 की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित चौथी प्रक्रिया 15 सितंबर, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात लगभग दो बजे निर्धारित है. आदित्य एल1 भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित पहले सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु (एल-1) में रहकर सूरज के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगी.

Advertisement

इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने दो सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे लॉन्च पैड से ‘आदित्य एल1' का सफल प्रक्षेपण किया था. हालांकि इससे पहले, तीन सितंबर को आदित्य एल1 ने पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदली थी. वहीं, आदित्य एल1 ने दूसरी बार पांच सितंबर को अपनी कक्षा बदली थी. आदित्य एल1 को लैग्रेंज बिंदु एल-1 की तरफ स्थानांतरण कक्षा में प्रवेश करने से पहले कक्षा संबंधी 
एक और प्रक्रिया से गुजरना होगा.

ये भी पढ़े: चंदा मामा से तो मिल लिए अब सूरज चाचू की बारी, सूर्य से कैसे मिलेगा आदित्य एल-1?

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Topics mentioned in this article