Vivan Bhathena With NDTV: फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) की फिल्म 120 बहादुर (120 Bahadur) काफी दिनों से सुर्खियों में बने हुई है. जब से इस फिल्म का ट्रेलर आया था, तब से ही दर्शक फिल्म को देखने के लिए बेताब हैं. बता दें, यह फिल्म साल 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध पर आधारित है. वैसे तो इस फिल्म में फरहान अख्तर लीड किरदार में नजर आएंगे. लेकिन फरहान के अलावा इस फिल्म में एक्टर विवान भटेना (Vivan Bhathena) भी अहम किरदार में दिखाई देंगे. हाल ही में विवान ने NDTV से बात की और फिल्म को लेकर काफी कुछ कहा.
'मुझे वरदान मिला है'
विवान ने कहा कि मुझे भगवान से वरदान मिला है कि मैंने अभी तक काफी शानदार फिल्मों में काम किया है जैसे चक दे इंडिया, कार्तिक कॉलिंग कार्तिक, दंगल और अब मैं 120 बहादुर में नजर आने वाला हूं. मैं बहुत लकी हूं कि मुझे इतनी बड़ी फिल्मों में मौके मिले हैं. जहां पर इतनी ऑडियंस आपको देख रही है, आपको पसंद कर रही है. मैंने हर फिल्म में अलग-अलग किरदार किए हैं.
'जवानों' का बयां किया दर्द
एक्टर ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि हमारी ऑडियंस को पता है या नहीं कि हमारे जवान जो बॉर्डर पर खड़े हैं उनके साथ क्या होता है, उन पर क्या बीतती है. हमने तो -10 और -12 टेंपरेचर में शूट किया है. लेकिन जो जवान होते हैं. वो -20 में बॉर्डर पर तैनात रहते हैं. हमें काफी रियल लाइफ जवान मिले उन्होंने कहा कि उनके पास जो बंदूक रहती है, वह इतनी भारी होती है कि दसवीं गोली चलाते-चलाते उनका हाथ कट जाता है. लेकिन वो हाथ पर पट्टी बांध कर बंदूक चलाते हैं. ठंड में उनकी उंगलियां भी गल जाती हैं. वहां पर सांस लेना मुश्किल होता है, आपको दिखाई नहीं देता. एक ही जगह पर खड़े रहना उसके अलावा बंदूक चलाना कितना मुश्किल होगा. जब वो बलिदान देते हैं तो उन पर क्या बीतती है.
'जूते बहुत अनकन्फर्टेबल थे'
एक्टर ने आगे बताया कि शूट के वक्त हमने वो जूते पहने थे जो 1962 में जवान पहनते थे. उनको पहनने के बाद मेरे पैरों की उंगलियां टूट गई थीं. इसके अलावा हम तीन-चार सॉक्स पहनते थे. इसके बाद भी पैरों की उंगलियां टूट गई थीं. इन सब चीजों को आदत में लेना काफी मुश्किल होता था. हम नहीं चाहते थे कि आर्मी हमसे डिसएप्वाइंट हो, इसलिए हमने बहुत मेहनत की.
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