'120 बहादुर' में मेजर शैतान सिंह की भूमिका के लिए फरहान अख्तर को चुनने के बारे में किया खुलासा

120 Bahadur: फरहान के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए निर्देशक रजनीश घई ने कहा कि मेरे लिए यह उनकी ईमानदारी थी. चाहे वह भाग मिल्खा भाग हो या उनके द्वारा निभाई गई अन्य भूमिकाएं, हर अभिनय में उनकी ईमानदारी है जिसकी मैं हमेशा से प्रशंसा करता रहा हूं.

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120 Bahadur

120 Bahadur: फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) की आगामी युद्ध महाकाव्य 120 बहादुर (120 Bahadur) रेजांग ला की पौराणिक लड़ाई की अनकही गाथा को उजागर करती है. 1962 के भारत-चीन युद्ध की कठोर सर्दियों के बीच, यह फिल्म बहादुरी के एक असाधारण अध्याय को जीवंत करती है. जहां 13 कुमाऊं रेजिमेंट के 120 वीर सैनिकों ने बाधाओं के बावजूद डटे रहकर, साहस के साथ इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया. जहां फरहान अख्तर फिल्म में मेजर शैतान सिंह की भूमिका निभाते नजर आएंगे, वहीं निर्देशक रजनीश घई ने बताया कि उन्होंने इस भूमिका के लिए फरहान को क्यों चुना.

यह उनकी ईमानदारी थी

फरहान के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए निर्देशक रजनीश घई ने कहा कि मेरे लिए यह उनकी ईमानदारी थी. चाहे वह भाग मिल्खा भाग हो या उनके द्वारा निभाई गई अन्य भूमिकाएं, हर अभिनय में उनकी ईमानदारी है जिसकी मैं हमेशा से प्रशंसा करता रहा हूं. जब उन्होंने हां कहा, तो मैं बेहद खुश हुआ. रजनीश का यह भी मानना ​​है कि यह ईमानदारी फरहान के सभी कामों में झलकती है और मेजर शैतान सिंह के किरदार को निभाने के लिए यह बेहद जरूरी थी. हालांकि दोनों पहले भी विज्ञापनों में साथ काम कर चुके हैं, रजनीश कहते हैं कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से अलग स्तर का था.

फरहान अख्तर की प्रशंसा की

रजनीश ने फरहान की इस बात के लिए भी प्रशंसा की. उन्होंने अपने निर्देशन के अनुभव को कभी भी एक अभिनेता के रूप में अपनी भूमिका के आड़े नहीं आने दिया. उन्होंने कहा कि खुद एक फिल्म निर्माता होने के नाते, फरहान समझते हैं कि इस तरह की कहानी को गढ़ने के लिए क्या करना पड़ता है. फिर भी उन्होंने सेट पर एक बार भी निर्देशक की भूमिका नहीं निभाई. अगर उनके पास कोई सुझाव होता, तो वे हमेशा कहते, 'रेजी, अगर मुझे इजाज़त हो तो...' ऐसी विनम्रता और सम्मान दुर्लभ है.

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