NDTV Exclusive : नितीश भारद्वाज ने जन्माष्टमी पर कहा- "आज इंसान हैवान की तरह.... "

Exclusive Interview With Nitish Bharadwaj: जन्माष्टमी महोत्सव को लेकर नीतीश ने कहा कि कृष्ण जी के जन्म को सेलिब्रेट करने का अर्थ क्या है, सबसे पहले हमको यह जानना चाहिए. कृष्ण जी का जन्म हुआ है तो किन परिस्थितियों में हुआ है और क्यों हुआ है.

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Exclusive Interview With Nitish Bharadwaj: आज जन्माष्टमी का महापर्व है, आम लोगों के अलावा बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं. हमारे बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी भगवान कृष्ण के बहुत बड़े भक्त हैं. जिनमें एक नाम एक्टर नितीश भारद्वाज (Nitish Bharadwaj) का आता है. बता दें, नीतीश ने सीरियल महाभारत (Mahabharata) में भगवान श्री कृष्ण का किरदार निभाया था. आज इस मौके पर नीतीश ने NDTV से बात की और भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के बारे में काफी कुछ कहा.

जन्माष्टमी महोत्सव को लेकर ये कहा

जन्माष्टमी महोत्सव को लेकर नीतीश ने कहा कि कृष्ण जी के जन्म को सेलिब्रेट करने का अर्थ क्या है, सबसे पहले हमको यह जानना चाहिए. कृष्ण जी का जन्म हुआ है तो किन परिस्थितियों में हुआ है और क्यों हुआ है. यह हमको समझना पड़ेगा, केवल दही हांडी और भजन गाने से काम नहीं बनता है. कृष्ण जी का जन्म ऐसी परिस्थितियों में हुआ जब आतंकी ही आतंक था.

जब जाती नाम का शब्द नहीं था

नितीश ने आगे बात करते हुए कहा कि उस वक्त जाती नाम का शब्द नहीं था सिर्फ वर्णवाद का था. भगवान और मनुष्य के बीच में भेद था जैसे भगवान इंद्र और श्री कृष्ण जी के बीच में था. आज हम जन्माष्टमी बना रहे हैं तो हमको यह जानना होगा कि आज भी पहले जैसी स्थिति है या नहीं. क्या जातीवाद परम सीमा पर है या नहीं है.

मनुष्य के बर्ताव के बारे में ये कहा

एक्टर ने आगे बात करते हुए कहा कि जिस तरीके से कोलकाता और बदलापुर में हुआ है. उसको देखकर आपको लगता है कि इंसान, मनुष्य जैसा बर्ताव कर रहा है? आज इंसान हैवान की तरह बर्ताव कर रहा है. अगर बच्चियां पुरुष से सुरक्षित नहीं है इसका मतलब है कि समाज में आज भी आतंक है. इसलिए हमको अगर कृष्ण जन्म मनाना है तो कृष्ण के जो गुण हैं उनको अपने दिल में स्थापित करना होगा, साथ ही समाज में भी स्थापित करना होगा.

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भगवान श्री कृष्ण के इन गुणों को फॉलो करते हैं

नितीश ने आगे बात करते हुए के कहा कि भगवान श्री कृष्णा पूर्ण पुरुषोत्तम हैं. उनका कोई एक गुण फॉलो नहीं कर सकते. समाज को सोचना पड़ेगा कि कृष्ण का कौन सा गुण आज के समय के लिए ठीक है. सिर्फ भजन करने से जन्माष्टमी का महोत्सव पूरा नहीं होता.

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