Exclusive Interview: नेशनल अवॉर्ड विनर राधिका लावु ने संजय मिश्रा को 'गिद्ध' में लेने की बताई वजह

Filmmaker Radhika Lavu: राधिका ने कहा कि सबसे पहले मैं दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं, भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को, नेशनल अवॉर्ड की ज्यूरी को और साथ ही अपने परिवार, अपने साथ काम करने वाले साथियों और शुभचिंतकों को, जिन्होंने इस पूरे सफर में मेरा साथ दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Filmmaker Radhika Lavu

Filmmaker Radhika Lavu: बीते दिन 75वां नेशनल फिल्म अवार्ड आयोजित हुआ. जिसमें काफी हस्तियों को नेशनल अवार्ड से नवाजा गया. जिसमें बॉलीवुड सेलिब्रिटीज शाहरुख खान (Shahrukh Khan), रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) समेत तमाम एक्टर्स को यह अवार्ड मिला. इसके साथ ही डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राधिका लावु (Radhika Lavu) ने शॉर्ट फिल्म गिद्ध (Giddh) के लिए नेशनल अवार्ड जीता है. हाल ही में उन्होंने NDTV से बात की और अपने एक्सपीरियंस शेयर किए.

'खुशी का बेहद खास पल'

राधिका ने कहा कि सबसे पहले मैं दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं, भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को, नेशनल अवॉर्ड की ज्यूरी को और साथ ही अपने परिवार, अपने साथ काम करने वाले साथियों और शुभचिंतकों को, जिन्होंने इस पूरे सफर में मेरा साथ दिया. यह नेशनल अवॉर्ड मेरे लिए सिर्फ एक सम्मान नहीं है, बल्कि गर्व और खुशी का बेहद खास पल है. यह अवॉर्ड मिलना मेरे लिए बहुत ही सुकूनभरा और तसल्ली देने वाला अनुभव है. इसने मुझे और भी आत्मविश्वास दिया है और यह यकीन दिलाया है कि मैं सही दिशा में आगे बढ़ रही हूं. ऐसे अवॉर्ड्स हमें यह हल्का-सा धक्का भी देते हैं कि हम अच्छी कहानियों के पीछे खड़े रहें और लगातार ऐसी फिल्में बनाते रहें जो गहराई, असर और मायने रखती हों.

'कहानी की ताकत पर निर्भर करता है'

राधिका ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि कोई कहानी शॉर्ट फिल्म बनेगी या फीचर फिल्म बनेगी, यह पूरी तरह उस कहानी की ताकत पर निर्भर करता है. कभी-कभी एक छोटी-सी कहानी फीचर फिल्म बन सकती है और कभी-कभी एक बड़ी कहानी शॉर्ट फिल्म के रूप में ज्यादा असरदार निकल आती है. दोनों ही माध्यम शॉर्ट फिल्म और फीचर फिल्म अपने-अपने अंदाज में मजबूत और असरदार हैं. फर्क बस नजरिए का है. एक प्रोड्यूसर के तौर पर मेरे लिए सबसे अहम चीज हमेशा कहानी ही होती है. कहानी क्या कहना चाहती है, डायरेक्टर उसे किस तरह से देखता है, वह दर्शकों तक कौन-सा मैसेज पहुंचाना चाहता है, यही बातें मेरे फैसले तय करती हैं.

'संजय मिश्रा जी का चेहरा आया'

राधिका ने आगे कहा कि जब मैंने गिद्ध द स्कैवेंजर की स्क्रिप्ट पहली बार पढ़ी, तो मेरे दिमाग में तुरंत संजय मिश्रा जी का चेहरा आया और फिर मनीष जी ने भी कहा कि इस रोल के लिए संजय जी बिल्कुल फिट बैठेंगे. सच कहूं तो मुझे इसमें कोई शक ही नहीं था. संजय जी का टैलेंट, उनकी मेहनत और हर किरदार में जो सच्चाई वो डालते हैं, वह बेमिसाल है. मुझे इस रोल में उनसे बेहतर कोई और दिखा ही नहीं. वो इस फिल्म की जान थे, रूह थे.

Advertisement

ये भी पढ़ें: साउथ एक्टर मोहनलाल की केरल में स्वागत की तैयारी, राज्य सरकार करेगी आयोजन

Topics mentioned in this article