'दंगल' को 9 साल पूरे, वो डायलॉग्स जिन्होंने फिल्म को बना दिया एक मिसाल

Dangal Latest: आमिर खान के जोरदार अभिनय से लेकर फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा के शानदार काम तक, फिल्म का हर हिस्सा मजबूत नजर आया. कुश्ती के सीन बहुत असली लगे और गाने कहानी व भावनाओं के साथ पूरी तरह जुड़े हुए थे.

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Dangal Latest: आज आमिर खान (Aamir Khan) की दंगल (Dangal) को रिलीज हुए नौ साल हो गए हैं, लेकिन आज भी यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे असरदार और सबसे ज्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्मों में गिनी जाती है. सच्ची कहानी पर बनी इस फिल्म ने आम दर्शकों से जुड़ते हुए भावनाओं, मनोरंजन और समाज से जुड़े संदेश को बहुत अच्छे तरीके से साथ रखा. मेहनत, अनुशासन और लड़कियों की बराबरी जैसे मुद्दों पर बनी इस कहानी ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता हासिल की.

शानदार काम

आमिर खान के जोरदार अभिनय से लेकर फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा के शानदार काम तक, फिल्म का हर हिस्सा मजबूत नजर आया. कुश्ती के सीन बहुत असली लगे और गाने कहानी व भावनाओं के साथ पूरी तरह जुड़े हुए थे. मजबूत कहानी ने दर्शकों को शुरू से आखिर तक बांधे रखा. तकनीक, संगीत और दमदार अभिनय के बीच जो चीज सबसे ज्यादा याद रह गई, वह थे फिल्म के सीधे, सच्चे और जोरदार संवाद, जो न सिर्फ प्रेरणा बने बल्कि लोगों की ज़ुबान पर भी चढ़ गए. आइए उन कुछ संवादों पर नजर डालते हैं, जो आज भी दर्शकों को याद हैं.

'गोल्ड तो गोल्ड ही होता है… छोड़ा लावे या छोरी'

'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?'

'जीतने के लिए सबसे पहले आपने आप से जितना पड़ता है'

'कोच सिर्फ गाइड होता है, असली फाइट तो खुद लड़नी पड़ती है'

'मेडल लाने के लिए सिर्फ़ ताक़त नहीं, दिमाग भी चाहिए'

'अगर आज तुमने हिम्मत हार दी, तो कल जीत का मतलब भी नहीं रहेगा'

निर्देशन नीतेश तिवारी ने किया

आमिर खान प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी दंगल का निर्देशन नीतेश तिवारी ने किया था. फिल्म में आमिर खान, साक्षी तंवर, फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा मुख्य भूमिकाओं में थे. फिल्म दंगल 21 दिसंबर 2016 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी.

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