एक लाख रुपए और एक जान: नौकरी का सपना या मौत की साजिश? गंगोत्री हत्याकांड की पूरी कहानी

छत्तीसगढ़ के नगपुरा (दुर्ग) में गंगोत्री हत्‍याकांड सुपारी क‍िल‍िंग का मामला सामने आया है. आरोपियों ने एक लाख रुपए लेकर वारदात को अंजाम दिया था. हत्या के बाद मृतका के चेहरे पर पत्थर से वार कर उसकी पहचान छिपाने की कोशिश की गई थी. अब तक इस मामले में 6 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि मुख्य आरोपी अभी फरार है.

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Gangotri Murder Case Durg  Durg Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नगपुरा (दुर्ग) में पांच दिन पहले अज्ञात महिला का शव मिलने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. महिला का सिर पत्थर से कुचला हुआ मिला था, जिससे शव की पहचान करना मुश्किल था. पुलिस जांच के दौरान शव की पहचान गंगोत्री उर्फ गंगा जांगड़े, पिता हरीशचंद, निवासी ग्राम दादर, हाल पोटिया चौक, दुर्ग के रूप में हुई.

CSP दुर्ग हर्षित मेहर के अनुसार गंगोत्री 19 सितंबर 2025 की रात 8:45 बजे अपने मकान मालिक से कहा कि वह खाना खाने जा रही है और घर से निकली थी. उसके बाद उसका शव बरामद हुआ. पुलिस जांच में पता चला कि गंगोत्री पिछले 7-8 महीनों से दो व्यक्तियों के संपर्क में थी, जिन्हें वह नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे दे रही थी. जब कई लोगों की नौकरी नहीं लगी, तो गंगोत्री ने उन पर दबाव बनाना शुरू किया.

उसने आरोपियों से कहा कि अगर 20 सितंबर को साक्षात्कार नहीं हुआ, तो वह उनकी शिकायत कर देगी. इससे मुख्य आरोपी आकाश बघेल डर गया और उसने अपने साथी निर्भय जांगड़े को एक लाख रुपए देकर गंगोत्री की हत्या की योजना बनाई. यह राशि निर्भय के छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, शाखा कातुलबोर्ड के खाते में ट्रांसफर की गई थी. 

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मुख्य आरोपी, निर्भय जांगड़े और हेमलता बंजारे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हत्या की योजना बनाई. हेमलता के खाते में भी कई बार बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी. योजना के अनुसार, 19 सितंबर को रात 9 बजे मुख्य आरोपी ने गंगोत्री को खाना खाने के बहाने ढाबे पर चलने के लिए राजी किया. निर्भय और एक अन्य आरोपी गंगोत्री को मोटरसाइकिल से टेमरी ले गए. वहां निर्भय ने अपनी बेल्ट और फिर चुनरी से गंगोत्री का गला घोंटकर हत्या कर दी.

पहचान छिपाने के लिए आरोपियों ने उसके चेहरे को पत्थर से कुचलकर विकृत कर दिया. हत्या के बाद एक आरोपी ने गंगोत्री के गहने उतारे, जो कृत्रिम होने के कारण पर्स सहित फेंक दिए गए. निर्भय ने मृतका का मोबाइल अपने पास रख लिया. इसके बाद दोनों आरोपी बाफना टोल प्लाजा के एक ढाबे पर खाना खाने गए और फिर कातुल बोर्ड लौट आए. आरोपियों ने अपराध में प्रयुक्त मोटरसाइकिल अपने मित्र जयदीप साहू और एक नाबालिग बालक को छिपाने के लिए दे दी. मृतका का मोबाइल निर्भय ने मनीष बंजारे और पवन सिंह को छिपाने के लिए दिया और फिर फरार हो गया.

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