दंतेवाड़ा में बदलाव की बयार: पहली बार बुरगुम, बड़ेगादम, तुमरीगुंडा में फहराया तिरंगा

ग्रामीणों द्वारा पुलिस बल के साथ मिलकर गांव में फहराया गया तिरंगा. उत्साह-पूर्वक ग्रामीणों ने किया समर्थन, सरेंडर नक्सली जो कभी इस दिवस का विरोध किया करते थे आज इस आयोजन का हिस्सा बने.

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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित गांव बुरगुम, तुमरीकुंडा और बड़े गादम में उम्मीद की नई किरण जगी है. आजादी के बाद पहली बार दंतेवाड़ा पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर तिरंगा झंडा फहराया. हैरानी की बात यह है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने भी जश्न का हिस्सा बनकर झंडे को सलामी दी.


संवेदनशील रहे हैं तीनों गांव

दंतेवाड़ा जिले के ये तीन गांव लंबे समय से नक्सली गतिविधियों के कारण संवेदनशील श्रेणी में हैं. नक्सली इन गांवों में स्वतंत्रता दिवस समारोहों का बहिष्कार करते थे और विरोध में अक्सर काले झंडे दिखाते थे. ये वही गांव थे जहां कुछ साल पहले नक्सलियों ने काले झंडे लहराये थे. दंतेवाड़ा जिला शासन, विकास और सुरक्षा नीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए धीरे-धीरे अपनी ग्रामीण आबादी को नक्सलवाद की पकड़ से मुक्त कर रहा है. स्थानीय समाज मुख्यधारा के साथ जुड़ रहा है और स्थानीय नक्सलियों को भी आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इंद्रावती नदी के पार स्थित तुमरीकुंडा में दंतेवाड़ा पुलिस ने एकजुटता का संकेत देते हुए झंडा फहराया.

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एकता के साथ आजादी का जश्न मनाना:

स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ पर, जिला पुलिस के डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और बस्तर फाइटर्स ने बुरी तरह प्रभावित बुरगुम, तुमरीकुंडा और बड़े गादम गांवों में ग्रामीण समुदायों के साथ जश्न मनाया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्कूली बच्चे शामिल हुए, जिससे पता चलता है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली उग्रवाद की पकड़ कमजोर हो रही है. वह दिन दूर नहीं जब नक्सलवाद के भय से मुक्त होकर ग्रामीण खुलकर अपनी आजादी का जश्न मनाएंगे.

वफादारी में बदलाव:

वर्तमान में, "नक्सल आत्मसमर्पण नीति" और "लोन वर्राटू अभियान" जैसी सरकारी योजनाओं से वे व्यक्ति लाभान्वित हो रहे हैं, जिन्हें कभी नक्सली संगठनों में शामिल किया गया था। वे अब कट्टरपंथी नक्सली विचारधारा को छोड़कर सामान्य जीवन जी रहे हैं दंतेवाड़ा में पुलिस को सफलता: लोन वर्राटू अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिले में पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. कुल 615 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें से 159 को प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया है. दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय बताते हैं कि अंदरूनी इलाकों में माओवादियों की पकड़ काफी कमजोर हो गई है. इन क्षेत्रों में विकास हो रहा है और स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा शान से लहराता है.

विश्वास, सुरक्षा और विकास का मार्ग:

सरकार का दृष्टिकोण विश्वास, सुरक्षा और विकास पर जोर देता है. इस रणनीति के साथ दंतेवाड़ा एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहा है, जहां नक्सलवाद की छाया दूर हो रही है और आजादी की भावना कायम है.
 

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