NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या, दो लोग गिरफ्तार, 15 दिन पहले ही बढ़ाई गई थी सुरक्षा

Baba Siddiqui shot dead- महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. सिद्दीकी के बेटे के दफ्तर के पास ही फायरिंग की इस घटना को अंजाम दिया गया.

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Baba Siddiqui shot dead- महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. सिद्दीकी के बेटे के दफ्तर के पास ही फायरिंग की इस घटना को अंजाम दिया गया. जानकारी के मुताबिक, 15 दिन पहले ही सिद्दीकी की सुरक्षा बढ़ाई गई थी. फिलहाल पुलिस इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

बांद्रा ईस्ट में खेरवाड़ी सिग्नल पर स्थित सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के पास उन पर तीन गोलियां चलाई गईं. गोली उनके पेट में लगी थी. इसके बाद उनकी मौत हो गई. बाबा को Y श्रेणी की सुरक्षा मिली थी. इसके बाद भी इस घटना को लेकर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

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क्यों चर्चित थे बाबा?

अपने राजनीतिक कौशल के साथ-साथ भव्य पार्टियों की मेजबानी के लिए जाने जाने वाले बाबा सिद्दीकी बांद्रा पश्चिम से तीन बार विधायक रह चुके हैं. पहले सिद्दीकी कांग्रेस से जुड़े रहे लेकिन बीते फरवरी में पार्टी छोड़ दी और अजीत पवार की NCP में शामिल हो गए थे. जबकि, उनके बेटे जीशान सिद्दीकी को अगस्त में कांग्रेस से बाहर कर दिया गया था. वे साल 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और साल 2004 और 2008 के बीच खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री के तौर पर भी कार्य किया था.

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सीएम शिंदे ने क्या कहा? 

इस घटना को सीएम एकनाथ शिंदे ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. शिंदे ने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने डॉक्टरों और पुलिस से बात की है. 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, एक यूपी का और दूसरा हरियाणा का है. एक फरार है.”
उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस से कहा है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. मैंने उनसे कठोर कदम उठाने को कहा है. मुंबई पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जानी जाती है. हम उन्हें पकड़ेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. वहीं अशोक चव्हाण ने कहा , 'मेरे घनिष्ठ मित्र, पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की खबर बेहद चौंकाने वाली है. हमने विधानमंडल में एक साथ काम किया. हम कैबिनेट में साथ थे. उनका नेतृत्व जनता से जुड़ा था और सभी समाजों में सर्वमान्य था. बाबा सिद्दीकी के असामयिक निधन से मैंने एक साहसी मित्र खो दिया है.'
 

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