Earth Day 2025: सरगुजा में अवैध तरीके से नीलगिरी पेड़ों की कटाई, ट्रकों में भरकर भेजा जा रहा UP-हरियाणा, प्रशासन बेपरवाह

Earth Day 2025: सरगुजा में बीते कुछ महीनों से दूसरे प्रदेशों से आए लोगों के द्वारा निजी राजस्व की भूमि पर लगे निलगिरी के पेड़ों को काटा जा रहा है. यह कटाई इतने बड़े पैमाने पर किया जा रहा है कि पेड़ काटने से लेकर इसे ट्रकों में लोड करने के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है.

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World Earth Day 2025: अंबिकापुर सहित पूरे सरगुजा संभाग में इन दिनों निलगिरी पेड़ों की कटाई जोरों पर है. पेड़ों को काटने के बाद इसे छोटे छोटे टुकड़े कर ट्रकों में भरकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा भेजा जा रहा है. आरोप यह भी है कि पेड़ काटने का कोई भी लीगल आदेश इनके पास नहीं है. इसके बावजूद सत्ता दल के क्षेत्रीय नेताओं और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है.

बहरहाल इस पूरे मामले में कांग्रेस ने अंबिकापुर के विधायक राजेश अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पेड़ कटाई करने वालों को भाजपा विधायक और उनके करीबियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण अधिकारी कोई भी कार्रवाई करने से बच रहे हैं.

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बड़े पैमाने पर निलगिरी के पेड़ों की कटाई

दरअसल, सरगुजा जिले में पिछले कुछ महीनों से दूसरे प्रदेशों से आए लोगों के द्वारा निजी राजस्व की भूमि पर लगे निलगिरी के पेड़ों को किसानों से खरीद कर काटा जा रहा है. यह कार्य इतने बड़े पैमाने पर किया जा रहा है कि पेड़ कटाई से लेकर इसे ट्रकों में लोड करने के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन पेड़ काटाई और परिवहन करने के लिए  स्थानीय प्रशासन से कोई भी परमिशन नहीं लिया गया है.

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ऐसे में सवाल उठता है कि बिना प्रशासन के अनुमति के बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई और परिवहन कैसे हो सकता है?

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कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

 सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आशीष वर्मा ने आरोप लगाया है कि भाजपा के विधायक राजेश अग्रवाल का घर लखनपुर में है और सबसे ज्यादा पेड़ों की अवैध रूप से कटाई भी वहीं हो रही है. ऐसे में कहीं ना कहीं विधायक का संरक्षण पेड़ काटने वाले को मिला हुआ है, जिसके कारण अधिकारी भी चुपचाप बैठे हैं.

भाजपा विधायक राजेश अग्रवाल का कहना है कि उन्हें भी अवैध तरीके से पेड़ काटे जाने की जानकारी मिली है. उन्होंने तत्काल इस मामले में क्षेत्र के एसडीएम को कार्रवाई करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि निलगिरी का पेड़ ऐसे तो काटा जा सकता है, लेकिन हमारे क्षेत्र में बाहर के लोग इसे क्यों काटेंगे?

बहरहाल इस मामले को लेकर जब क्षेत्र के ग्रामीणों से पूछा गया तो उन्होंने इस बात को स्वीकार करते हए कहा कि उन्होंने पेड़ को बेचा है, जिसके बाद वे काट रहे हैं.

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