Raigarh News: जंगल से भटकर सूअर पहुंचा डीएफओ बंगले में, राहगीरों पर किया हमला... सूचना के 3 घंटे बाद पहुंची फॉरेस्ट की टीम

Wild Pig in Raigarh DFO House: रायगढ़ में अचानक एक जंगली सूअर अपना रास्ता भटक गया और डीएफओ बंगले में जा घुसा. इससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई. मामले की सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई. लेकिन, विभाग के लोग वहां तीन घंटे बाद पहुंचे. आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है.

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जंगली सूअर की रेस्क्यू के दौरान हुई मौत

Raigarh News in Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जंगली जानवर और जंगल की रखवाली करने वाले फॉरेस्ट अधिकारी के बंगले तक एक जंगली सूअर (Wild Pig) जा पहुंचा. पूरा मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है, जहां टीवी टावर रोड में राहगीरों पर जंगली सूअर ने हमला कर दिया. हमले से कई लोग घायल हुए और कई प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना का वीडियो बनाया. जंगली सूअर भागते-भागते डीएफओ बंगले के गेट में फंस गया. स्थानीय लोगों ने फॉरेस्ट विभाग की टीम को सूचना दी, लेकिन फॉरेस्ट अधिकारी और फॉरेस्ट गार्ड जानकारी के तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचे. 

जंगली सूअर का लोगों ने गलत तरीके से किया रेस्क्यू

अधिकारियों के आने से पहले हो गया रेस्क्यू

फॉरेस्ट अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों के सहयोग से जंगली सूअर को रेस्क्यू कर निकाला जा चुका था. लेकिन, रेस्क्यू का तरीका कुछ ऐसा था कि जंगली सूअर पूरी तरीके से घायल हो गया और जब उसे इलाज के लिए ले जाया गया तो इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जिससे वन विभाग की रेस्क्यू प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए. घटना के मुताबिक, बंगले में फंसे जंगली सूअर को निकालने में रेस्क्यू टीम को देरी हुई, जिससे स्थानीय लोगों को हस्तक्षेप करना पड़ा. जब तक वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तब तक सूअर घायल हो चुका था. 

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प्रत्यक्षदर्शियों ने दी घटना की जानकारी

इस घटना से वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते सही तरीके से रेस्क्यू किया जाता, तो सूअर की जान बचाई जा सकती थी. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सूअर को बचाने के प्रयास में उसके साथ गलत व्यवहार किया गया, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई.

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आधिकारिक बयान अभी साफ नहीं

वन विभाग के अधिकारियों ने इस पूरे मामले को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन रेंजर हेमलाल जायसवाल ने पहले स्थानीय लोगों के सहयोग की सराहना की थी. हालांकि, अब इस पूरे मामले पर जांच की मांग उठ रही है. 

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